डोबरा चाटी पुल शीघ्र बनाने के लिए प्रताप नगर में होगा व्यापक जनांदोलन  नई दिल्ली (प्याउ)। भले ही टिहरी क्षेत्र के सांसद सहित तमाम जनप्रतिनिधी कई वर्षो से निर्माणाधीन डोबरा चाॅंटी पुल के निर्माण के प्रति उदासीन हो गये हो परन्तु टिहरी बांध बनने के बाद इस पुल के न होने के कारण  प्रताप नगर विधानसभा व उसके आस पास के 2 लाख लोगों का जीना दूश्वार हो गया है। जनता निरंतर इस पुल बनाने की मांग कर रही है परन्तु प्रदेश सरकार व जनप्रतिनिधियों के कानों में जूॅं भी नहीं रैंग रही है। क्षेत्र की इस दुर्दशा को दूर करने के लिए प्रताप नगर क्षेत्र के समाजसेवी राजेश्वर पैनूली ने यहां के समाजसेवियों व जनता को साथ लेकर इस पुल को बनाने के लिए जून-जुलाई से व्यापक जनांदोलन शुरू करने का निर्णय ले लिया है। इसी के तहत प्रताप नगर क्षेत्र में ही नहीं दिल्ली में भी व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। टिहरी बांध के कारण अलग-थलग पडे़ प्रतापनगर क्षेत्र के लिए पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पुल के पूरा नहीं होने से लोगों को हो रही दिक्कत पर शनिवार 9 मार्च को दिल्ली गढ़वाल भवन में हुई विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने सरकार से अविलम्ब पुल का निर्माण पूरा करने की मांग की गयी।डोबरा चांटी पुल बनाओ समिति के बैनर तले आयोजित उस कार्यक्रम में लोगों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और समिति के जरिए पुल निर्माण की दिशा में गति लाने की सरकार से मांग की। इस पुल के न बनाये जाने से रैका, रौणद रमोली, उपली रमोली, ओण एवं भदूरा क्षेत्र के लोगों को जीवन दुश्वार हो गया है। 

यह पुल टिहरी और प्रतापनगर विधानसभा को जोडने का एक मात्र होता लेकिन बंाध प्रशासन ने क्षेत्र की अनदेखी की और विशाल बांध तो बना दिया लेकिन एक छोटा सा पुल नहीं बना सका। प्रतापनगर के लोगों को जिला मुख्यालय से जुडने के लिए पहले दो घंटे लगते थे लेकिन अब क्षेत्र  के लोगों को जिला मुख्यालय पुहंचने के सात घंटे लगते है। डोबराचांटी पुल, टिहरी के ग्राम डोबरा से ग्राम चाॅंटी तक भागीरथी-गंगा पर बन रहा एक मात्र पुल है जो पूरे प्रताप नगर तहसील, थौलधार विकासखण्ड, जाखनीधार, घनसाली व उत्तरकाशी के कुछ ग्रामीण  हिस्सों के बाहरी क्षेत्रों के 2 लाख से अधिक लोगों के आवागमन के लिए यह पुल नितांत आवश्यक है। 28 मई  सन् 2004 को टिहरी बांध बन जाने के बाद इस विशाल क्षेत्र का जीवन एक प्रकार से दुश्वार ही हो गया। इससे इस क्षेत्र में दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमत 200 प्रतिशत मंहगे खरीदने के लिए लोगों को विवश होना पड़ रहा है। इससे बीमार, प्रसव वेदना से पीडि़त महिला व बाल-बुजुर्गो ं का तो जीना ही दूश्वार हो गया है। भारी जनाक्रोश के बाद इस पुल की निविदा 2006 में जारी की गयी।2008 में रूडकी आईआईटी द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार इस पुल की लम्बाई 398 से बढ़ा कर 440 मीटर करने का बात कही गयी। 1 जनवरी 2008 को इस पुल को बन कर तैयार हो जाना चाहिए था जिसे बाद में 31 अक्टूबर 2010 किया गया। परन्तु आज 2013 का मार्च माह गुजर जाने के बाबजूद हालत पहले से बदतर बनी हुई है। लोग इस पुल के लिए तरस रहे है। 2008 में इसकी अनुमानित लागत 89.20 करोड़ रूपये निर्धारित की गयी थी जो अब बढ़ कर करीब 169.90 करोड़ रूपये हो गयी है।
श्री राजेश्वर पैन्यूली के नेतृत्व में आयोजित उस कार्यक्रम में क्षेत्र के मूल निवासी दिल्ली में उत्तराखण्डियों के पहले विधायक रहे मुरारी सिंह पंवार, प्रोग्रेसिव पार्टी के अध्यक्ष जगदीश मंमगांई, उत्तराखण्ड सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अवतार सिंह रावत, गुजरात से विशेष रूप से इस कार्यक्रम से आयी अनिता नौटियाल, ममता काला, आम आदमी पार्टी के नरेद्र राठी, उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के महासचिव अवतार नेगी, अभिनव कलूडा, दाताराम चमोली, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत व महासचिव जगदीश भट्ट, समाजसेवी उदय सिंह नेगी, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता वीरेन्द्र रावत सहित कई लोग मौजूद थे। इस अवसर पर उपस्थित प्रताप नगर विकासखण्ड के लोगों सहित प्रमुख समाजसेवियों को संबोधित करते हुए प्रताप नगर की जनसमस्याओं के लिए प्रमुखता संघर्ष करने वाले क्षेत्र के अग्रणी जननेता राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि उनके लिए यह पुल इस क्षेत्र के लोगों के लिए आज सबसे बडा मुद्दा है और इसके निर्माण के लिए वह तब तक .संघर्ष करते रहेंगे कि जब तक पुल नहीं बन जाता। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधी गंभीर नहीं हैं इसलिए पुल का काम ढीला पडा हुआ है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह काम करना नहीं चाहती है और सिर्फ जनता को गुमराह कर रही है। प्रताप नगर क्षेत्र से विगत विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंगल में जनता के खुले समर्थन मिलने के कारण राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों की नाक में दम करने वाले श्री पैन्यूली  ने जोर दे कर कहा कि यहाॅ प्रतापनगर से टिहरी की सभी विधानसभा जुडी है और यदि इस क्षेत्र को नदरअंदाज किया जाएगा तो कोई भी विधानसभा जीत नहीं सकेगा। इस बैठक को संबोधित करते हुए दिल्ली के वरिष्ठ भाजपा नेता मुरारी सिंह पंवार ने प्रताप नगर क्षेत्र की जनता से खुली अपील की कि दिल्ली महिने में कई चक्कर लगाने वाले उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री का इस समस्या के निदान के लिए घेराव किया जाना चाहिए। वहीं भाजपा की अलोकतांत्रिक प्रवृति से दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले इस्तीफा दे कर अपनी राजनैतिक पार्टी बनाने वाले दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के अध्यक्ष रहे जगदीश मंमगाई ने जोर दे कर कहा कि  उत्तराखण्ड सरकार की बेरूखी से पुल का निर्माण नहीं हो रहा है। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य से लेकर तमाम लोग इस बात से दुखी थे कि टिहरी बांध बनने के बाद शासन द्वारा इस क्षेत्र में यह पुल नहीं बना कर  प्रतापनगर वासियों को एक प्रकार से  कालापानी की सजा दे दी है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश्वर पैनूली व अनिता नौटियाल के साथ प्रताप सिंह थलवाल, राजपाल सिंह पंवार, बादर सिंह कलुरा आदि समर्पित थे। इस कार्यक्रम में सम्मलित लोगों में हुक्मसिंह कण्डारी, विपिन पंवार, चन्द्रकांत नेगी, सुरेन्द्र रावत, मन्नू रावत आदि प्रमुख थे। सभा में यह भी संकल्प लिया गया कि अगर जून-जुलाई 2013 तक यह पुल का कार्य संतोषजनक ढ़ग से नहीं किया गया तो डोबराचाॅंटी पुल के निर्माण स्थल पर ही इस क्षेत्र के हजारों लोग अनशन शुरू करके व्यापक जनांदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होंगे।

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