विश्व की एकमात्र रहस्यमय ‘फूलों की घाटी ’
Unique Gift of nature  VALLEY OF FLOWER
प्यारा उत्तराखण्ड बेबसाइट सेवा -
विश्व की रहस्यमय व प्राकृतिक  फूलों का एक बडी घाटी भारत में हिमालय की गोद में उत्तराखण्ड में स्थिति है। यह उत्तराखण्ड में सीमान्त जनपद चमोली में विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम क्षेत्र में भूण्डार घाटी में स्थित है। नवम्बर से मई के अंतिम सप्ताह तक वर्फ से छादित रहने वाली यह फूलों की घाटी दिल्ली से 517 किमी दूरी पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 11000 से 14 000 फुट पर स्थित है। इस फूलों की घाटी का असली नजारा देखने का समय 21 जुलाई से 10 अगस्त के बीच का समय सर्वोत्तम होता है। इन दिनों इस घाटी में अधिकांश फूल खिले रहते है। हालांकि पर्यटक सितम्बर तक यहां पर नजारा देखने के लिए आते रहते हैं। 
भारतीय जनमानस में यहां के बारे में दो प्राचीन कहानियां प्रचलित हैं एक तो भगवान शिव ने इस स्थान पर कामदेव को भष्म किया था। दूसरी इसी स्थान पर महावीर हनुमान जी संजीवनी बूटी को लेने के लिए आये थे। यहां पर 500 से अधिक प्रजातियों के प्राकृतिक फूलों की घाटी है। संसार में अपने आप में अदभूत इस प्राकृतिक फूलों की यह घाटी 3 किमी लम्बी व आधा किमी चैडी है। विश्व के इस अदभूत फूलों की घाटी को 1931 में एक अंग्रेज फ्रेंक एस स्मिथ व आर एल होल्डसवर्थ ने विश्व को इस प्रकृति की  अनमोल धरोहर से परिचित कराया था। इसकी महता को देखते हुए यह युनेस्कों ने इसे विश्व की धरोहर घोषित कर दी है। वहीं भारत सरकार ने इसे 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फेली घाटी को नन्दादेवी राष्ट्रीय उद्यान की तरह युनेस्कों का अनुसार ही इसे संरक्षित उद्यान मानते हुए इसे राष्ट्रीय उद्यान भी घोषित किया है।  यहां पर ब्रह्मकमल,गेंदा, प्रिभुला, तारक, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग,  इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, स्ट्राबेरी, एनीमोन, रोडोडियोड्रान, जर्मेनियम, पोटेन्टिला, जिउम, लिलियम,  डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस,पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, एवं  मार्श, इत्यादि प्रमुख  अतिदुर्लभ प्राकृतिक फूलों की सैकडों प्रजातियां पायी जाती है। 
 दिल्ली से यहां पहुचने के लिए 200 किमी दूरी पर हरिद्वार है। हरिद्वार से ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग पर( ऋषिकेश से 70 किमी पर देवप्रयाग, देवप्रयाग से 34 किमी श्रीनगर, श्रीनगर 19 किमी रूद्रप्रयाग, रूद्रप्रयाग से 52 किमी नन्द प्रयाग, नन्द प्रयाग से 21 किमी चमोली, चमोली से 33 किमी जोशीमठ, 19 किमी गोविन्द घाट ) बदरीनाथ धाम से 23 किमी पहले गोविन्द घाट स्थित है। इसी गोविन्द घाट से एक रास्ता बदरीनाथ को तथा दूसरा रास्ता यहां से फूलों की घाटी व हेमकुण्ड साहिब की तरफ जाता है। गोविन्द घाट से दूसरी तरफ 14 किमी  पैदल मार्ग पर घंघरिया स्थित है। घंघरिया से जहां 8 किमी दूरी पर एक रास्ता सिखों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल हेमकुण्ड साहिब के लिए जाता है तथा घघंरिया से ही 3 किमी दूरी पर विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी स्थित है। 

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