ख्वाजा की दरगाह के दीवान से सीख लें देश के नपुंसक हुक्मरान 


अजमेर (प्याउ)। भारत  सहित पूरे विश्व की शांति को तबाह करने को तुले आतंकियों की ऐशगाह बन चूके पाकिस्तान को भले ही अमेरिका के मोहपाश में अंधे हुए भारत के हुक्मरान को नापाक पाक को आईना दिखाने को जो साहसिक काम भारत की सरकार संसद हमले से लेकर सीमा पर भारतीय सैनिकों का सर कलम करने के बाबजूद नहीं कर पायी, वह काम ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगार के दीवान सैयद जैनुल आबदीन ने करने का काम करके देश की नपुंसक हुक्मरानों के कारण आहत सवा सो करोड़ से  अधिक देशवासियों का सर ऊंचा किया।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगार के दीवान सैयद जैनुल आबदीन ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा सीमा उल्लंघन कर दो भारतीय सैनिकों के सिर काट कर ले जाने की अमानवीय घटना के विरोध में आस्ताने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अगवानी न करने का ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि परंपरा के इतर जाकर वह पाकिस्तानी मेहमान का बहिष्कार करेंगे। गौरतलब है कि 9 मार्च शनिवार को  प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगार पर जियारत के लिए भारत पंहुचने वाले है। वे पाकिस्तान में अपनी सरकार के कार्यकाल समापन के एक सप्ताह पहले अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत की दरगाह में जियारत करने आ रहे है। वहीं इस दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबदीन ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा सीमा उल्लंघन कर दो भारतीय सैनिकों के सिर काट कर ले जाने की अमानवीय घटना के विरोध में आस्ताने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अगवानी न करने का ऐलान किया है। दीवान सैयद जैनुल आबदीन ने बेहद आक्रोशित हो कर कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पर षड्यंत्र एवं कायरतापूर्ण तरीके से भारतीय सेना के जवान के सिर काट कर ले जाना और शहीदों के सिर वापस नहीं लौटाना अंतराष्ट्रीय परंपराओं का उल्लंघन तो है ही, मानवीय मूल्यों का हनन भी है। देशभक्त दीवान ने पाकिस्तान पर इस्लामिक मूल्यों की अवहेलना करने का आरोप लगाया और कहा कि पाक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देकर बेकसूर लोगों की जान लेता है। बेहतर होता कि पाक पीएम भारतीय शहीद के सिर ससम्मान भारत लाते और उनके परिवारों से क्षमायाचना करते।  पाकिस्तानी मेहमान का बहिष्कार करने की घोषणा से जहां पूरे देशवासियों का सर ऊंचा कर दिया है वहीं देश के नपुंसक हुक्मरानों को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। भले ही पाकिस्तानी हुक्मरान की यह यात्रा का बबंडर थम जाय परन्तु ख्वाजा चिश्ती के दीवान का यह ऐलान न केवल भारतीय हुक्मरानों को बेनकाब करने वाला साबित हुआ अपितु पाकिस्तान के हुक्मरानों द्वारा भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने की आशाओं पर भी बज्रपात से कम नहीं है। देशभक्त दिवान के ऐलान पर पूरे देशवासियों को नाज है काश दीवान की इस घोषणा से भारतीय हुक्मरानों की आंखे खुलती।

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