चार जनपदों का गठन के बाबजूद विधानसभा चुनाव में होगा भाजपा का सफाया

भ्रष्टाचार के कलंक को हर हाल में दूर करेंगे उत्तराखण्डी/
चार जनपदों का गठन के बाबजूद विधानसभा चुनाव में होगा भाजपा का सफाया/


भले ही मुख्यमंत्री निशंक ने स्वतंत्रता दिवस के दिन महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए प्रदेश में यमुनोत्री, कोटद्वार, डीडीहाट व रानीखेत नाम के 4 जनपदों के गठन का ऐलान करके भ्रष्टाचार में आरोपों से आकंठ घिरी अपनी सरकार की नौका को आगामी विधानसभाई चुनाव में पार लगाने का दाव मान कर चला हो। परन्तु स्वाभिमानी उत्तराखण्डी अपनी परंपरा व प्रदेश की रक्षा में इन तमाम प्रलोभनों को ठीक उसी तरह ठुकरायेगें जिस प्रकार गढ़वाल लोकसभा चुनाव में उत्तराखण्ड की स्वाभिमानी जनता ने इं िदरा गांधी के तमाम प्रलोभन व दमन को मुंहतोड ़ जवाब देते हुए हेमवती नन्दन बहुगुणा को भारी मतों से विजय बनाया। प्रदेश की जनता ने कभी भी किसी भी हालत में अपने सम्मान -स्वाभिमान, जनहितों व भविष्य को तबाह कर रहे भ्रष्टाचारी कुशासकों के तमाम प्रलोभनों का मुंह तोड़ जवाब देते हुए ऐसे कलंक के प्रतीकों को प्रदेश से उखाड़ फेंका है।
भाजपा का आला नेतृत्व जो आंख मूंद कर प्रदेश में आसीन भ्रष्टाचार को शर्मनाक संरक्षण देते हुए अपने असंतुष्ट नेता भगतसिंह कोश्या री, मेजर जनरल भुवनचंद खंडूडी व जनरल तेजपाल सिंह रावत पर डोरे डाल रही है, परन्तु उनको इस बात का भान होना चाहिए कि उत्तराखण्ड देवभूमि है व यहां के लोग किसी भी कीमत पर अपने स्वाभिमान व भविष्य को रौंदने वालों को ठीक उसी प्रकार जवाब देती है जिसं प्रकार उत्तराखण्ड प्रदेश के प्रथम विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता द्वारा अपना नाम व संसाधनों की बंदरबांट करने से आहत हो कर प्रदेश गठन करने वाली भाजपा सरकार को ही प्रदेश की सत्ता से उखाड़ फेंका था । आज भी प्रदेश की जनता निशंक सरकार के भ्रष्टाचार व प्रदेश के हितो खिलवाड़ करने वाले कृत्यों से आक्रोशित हो कर प्रदेश की सत्ता से उखाड ़ फेकने के लिए विधानसभा चुनाव का बहुत ही बेसब्री से इंतजारी कर रहे हैं।

Comments

  1. This is only an oppositions political statement every opposition party makes remarks like this.
    If the present Govt' created 4 new districts its a step towards development of those new districts. to day the voter can go against such political parties who even criticise the developments.
    B S Rana

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