जनादेष का सम्मान करे भाजपा , कहां गयी अब भाजपा की नैतिकता
जनादेष का सम्मान करे भाजपा , कहां गयी अब भाजपा की नैतिकता
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह व अनन्त कुमार जेसे नेता देहरादून पंहुच चूके है। प्रदेष की जनता ने जब भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, इसके बाबजूद भाजपाई नेताओं की सत्तालोलुपता षांत होने के बजाय प्रदेष में ऐन केन प्रकारेण से सत्ता में काबिज होने के लिए तमाम हथकण्डे अपनाने के लिए उतारू है। भाजपा प्रदेष में सत्तासीन थी जिन तिवारी सरकार के भ्रश्टाचार व कुषासन के विरोध करके प्रदेष में भाजपा को जनता ने स्पश्ट जनादेष दिया, भाजपा ने प्रदेष में सत्तासीन होने के बाद उसी तिवारी का महिमामण्डित करने के अलावा दूसरा काम अगर किया तो प्रदेष में भ्रश्टाचार व कुषासन की गर्त में धकेलना। इसी से आक्रोषित प्रदेष की जनता ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया। प्रदेष की जनता ने उसे विधायक संख्या की दृश्टि से भाजपा अब दूसरी नम्बर की पार्टी बना दिया है। मर्यादा के अनुसार अब राज्यपाल सबसे बडे दल को पहले सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेगा। भाजपा के नेताओं को चाहिए कि वह जनादेष का सम्मान करते हुए तथा प्रदेष में खरीद परोख्त की अपनी पिछली भूल से सबक लेते हुए सरकार बनाने के लिए औच्छे हथकण्डे न अपनाये व विपक्ष में बैठ कर लोकषाही का सम्मान करे। अगर समय रहते हुए संघ व भाजपा नेतृत्व खण्डूडी की अलोकषाही, सारंगी मोह व प्रदेष के जनहितों के प्रति अंकुष लगाता तो आज यह दिन नहीं देखने पडते।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह व अनन्त कुमार जेसे नेता देहरादून पंहुच चूके है। प्रदेष की जनता ने जब भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, इसके बाबजूद भाजपाई नेताओं की सत्तालोलुपता षांत होने के बजाय प्रदेष में ऐन केन प्रकारेण से सत्ता में काबिज होने के लिए तमाम हथकण्डे अपनाने के लिए उतारू है। भाजपा प्रदेष में सत्तासीन थी जिन तिवारी सरकार के भ्रश्टाचार व कुषासन के विरोध करके प्रदेष में भाजपा को जनता ने स्पश्ट जनादेष दिया, भाजपा ने प्रदेष में सत्तासीन होने के बाद उसी तिवारी का महिमामण्डित करने के अलावा दूसरा काम अगर किया तो प्रदेष में भ्रश्टाचार व कुषासन की गर्त में धकेलना। इसी से आक्रोषित प्रदेष की जनता ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया। प्रदेष की जनता ने उसे विधायक संख्या की दृश्टि से भाजपा अब दूसरी नम्बर की पार्टी बना दिया है। मर्यादा के अनुसार अब राज्यपाल सबसे बडे दल को पहले सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेगा। भाजपा के नेताओं को चाहिए कि वह जनादेष का सम्मान करते हुए तथा प्रदेष में खरीद परोख्त की अपनी पिछली भूल से सबक लेते हुए सरकार बनाने के लिए औच्छे हथकण्डे न अपनाये व विपक्ष में बैठ कर लोकषाही का सम्मान करे। अगर समय रहते हुए संघ व भाजपा नेतृत्व खण्डूडी की अलोकषाही, सारंगी मोह व प्रदेष के जनहितों के प्रति अंकुष लगाता तो आज यह दिन नहीं देखने पडते।
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