कामरेड़ चन्द्रशेखर को सलाम
कामरेड़ चन्द्रशेखर को सलाम
31 मार्च को राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर जैसे ही मैं पंहुचा वहां पर सीपीआई माले के बेनर लगे सेकडों आंदोलनकारी दिखे, वे शहीद हुए कामरेड़ चन्द्रशेखर की तस्वीरें हाथों में लिये व कामरेड़ चन्द्रशेखर को लाल सलाम के गगन भेदी नारे लगा रहे थे। एक पल के लिए मेरी आंखों में लोकशाही के लिए शहीद हुए जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष का चेहरा छा गया। कामरेड़ चन्द्र शेखर उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन में 1994 में कई बार आंदोलन को समर्थन देने के लिए अपने साथियों के साथ धरने में आये थे। कई बार उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से राज्य गठन जनांदोलन को उद्देलित किया था। उनसे हुई इन मुलाकातों के बाद जब हमने यह खबर सुनी की बिहार में उनकी लोकशाही के दुश्मनों ने गोली मार कर हत्या कर दी तो पूरा देश अपने होनहार नौजवान नेता की हत्या पर स्तब्ध रह गया।
आज भले ही कामरेड़ चन्द्रशेखर हमारे बीच में सदेह न हों परन्तु उनकी पावन स्मृति हमारे मानस पटल पर आज भी जीवंत है। उनकी पावन स्मृति को मेरा शतः शतः प्रणाम।
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