भगवान बदरी-केदार, कैलाश मानसरोवर व अमरनाथ यात्रा पर बेनकाब हुई सरकार
भगवान अमरनाथ की यात्रा 25 जून से ही होगी प्रारम्भश्रीनगर(प्याउ)। जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल व श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एन.एन. वोरा ने ऐलान किया कि अमरनाथ धाम की यात्रा यात्रा निर्धारित तिथि 25 जून से ही शुरू होगी। विश्व प्रसिद्ध अमरनाथ धाम जम्मू कश्मीर प्रदेश में समुद्र तल से 13,888 फीट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा में है। विश्व में रहने वाले करोड़ों सनातन धर्मियों के चार सर्वोच्च धामों में से एक भगवान अमरनाथ में स्वतः बनने वाले प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु कठिन 37 किलोमीटर लंम्बीे पदयात्रा भी करते हैं। पिछले कई दशकों से इस यात्रा पर आतंकियों के हमले की आशंका के कारण निरंतर शासन प्रशासन पर दवाब बना रहता है। वहीं इस साल यात्रा काल के आस पास हुई असमय की बर्फबारी के कारण यात्रा मार्ग का अधिकांश हिस्सा इस समय बर्फ से ढके रहने से इस यात्रा के समय पर शुरू होने पर ग्रहण लगने की आशंका थी। जो राज्यपाल के ऐलान के बाद साफ हो गये है। गौरतलब है हिन्दुओं के सर्वोच्च चार धामों में अग्रणी दो धाम भगवान बदरीनाथ-केदारनाथ जो उत्तराखण्ड में स्थित है व भगवान अमरनाथ जो जम्मू कश्मीर में स्थित है की पावन दर्शन यात्रा ग्रीष्मकाल में ही प्रारम्भ होती है। जहां भगवान सदाशिव के अदभूत दर्शन अमरनाथ धाम में प्राकृतिक रूप से पावन गुफा में बने शिवलिंग के रूप में होते है। वहीं केदारनाथ में भी भगवान के 12 ज्योतिर्लिगों में से प्रमुख केदारनाथ भगवान के रूप में ग्रीष्म काल में ही होते है। वहीं भगवान विष्णु के पावन दर्शन भगवान बदरीनाथ में भगवान बदरीनाथ के रूप में होते है। इसके अलावा ग्रीष्मकाल में ही भगवान सदाशिव के पावन निवास कैलाश मानसरोवर की दिव्य यात्रा व दर्शन भी होते है। भगवान शिव का यह पावन धाम कैलाश मानसरोवर पहले भारत में ही था परन्तु भारत सरकार की नपुंसकता के कारण यह क्षेत्र अब चीन ने अपने कब्जे में ले लिया है। भगवान सदाशिव के पावन धाम कैलाश मानसरोवर के दर्शन जहां हिन्दू धर्मालम्बियों को चीन के रहमो करम पर करने को मजबूर होना पड़ता है। इसी माह कैलाश मानसरोवर की पावन यात्रा भी प्रारम्भ होने वाली है। वहीं अमरनाथ के पावन दर्शन भी आतंकियों व जम्मू कश्मीर प्रांत के रहमोंकरम पर करने के लिए मजबूर होना पडता है। भगवान अमरनाथ के यात्रियों की सुविधा के लिए इस विकट स्थानों में सरकार तीर्थयात्रियों की वर्षो से धर्मशालाआदि के स्थाई निर्माण या अमरनाथ धाम ट्रस्ट के द्वारा पक्की व्यवस्था तक का कोई समुचित प्रबंध करने से प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार, आतंकियों के विरोध के कारण करने को तैयार ही नहीं है। वहीं भगवान बदरी व केदारनाथ यात्रा का उचित प्रबंध भी उत्तराखण्ड सरकार तमाम ऐलानों के बाद भी धरातल पर उतारने में अभी तक असफल रही। यात्रियों की असुविधायें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। यही नहीं सरकार दोनों धामों के लिए मोटर मार्ग आदि को भी समय पर ठीक करने का काम तक नहीं कर पाती है। सबसे हैरानी की बात है कि सरकार द्वारा यात्रा के दौरान चिकित्सा की समुचित प्रबंध न किये जाने से छह दर्जन से अधिक तीर्थ यात्रियों की असामयिक मौत चार धाम यात्रा के दोरान हो गयी परन्तु प्रदेश सरकार की कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
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