मुलायम व पवार को पाक साफ बता कर भ्रमदेव न बने रामदेव 


बाबा रामदेव द्वारा मुलायम सिंह व पवार को आज पाक साफ बताने वाली खबर को सुन कर भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाला आम भारतीय हस्तप्रद ही नहीं ठगा सा रह गया। भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग योग को सिखा कर व भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड कर जहां स्वामी रामदेव को देश विदेश के भारतीयों ने अपने सर आंखों पर बिठाया। इसी के सहारे उनको वे अरबों की सम्पति के स्वामी बने व देश विदेश में लाखों लोगों को जोड़ कर जीवंत भारत स्वाभिमान जैसे संगठन के प्रमुख भी बने। परन्तु इस प्रभुता पा कर भी जब दिल्ली के रामलीला मैदान वाले उनके जनांदोलन में कांग्रेस के अमानवीय दमन से आक्रोशित हो कर उनका भ्रष्टाचार का आंदोलन देश में व्याप्त समग्र भ्रष्टाचार के खिलाफ से प्रारम्भ हुए उनके आंदोलन की राह से भटक कर मात्र कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ से तक सिमट कर रह गया। उनके बयानों में अब केवल कांग्रेस के खिलाफ उनका निजी आक्रोश साफ झलकता है।
जिस प्रकार से उन्होंने दिल्ली में इस्लामिक संगठनों की बैठक में मुसलमानों को आरक्षण का खुला समर्थन करके अपने समर्थकों को भी भौचंक्का कर दिया। वे भूल गये कि सामाजिक छूआछूत केवल हिन्दू समाज में शताब्दियों से व्याप्त था अन्य धर्मो में यह भेदभाव ही स्वीकार नहीं किया जाता है। वहीं अब बाबा रामदेव ने विदेशों में जमा काले धन  के समर्थन में जिस प्रकार से बाबा रामदेव ने मुलायम सिंह व शरद पवार को पाक साफ बताया, उससे देश के लोगों में स्वयं बाबा रामदेव की छवि ही धूमिल हुई। जिस रामलीला मैदान के दमन के कारण बाबा रामदेव कांग्रेस को लोकतंत्र का हत्यारी कहते हैं बाबा रामदेव को शायद भान न हो इन्हीं मुलायम के शासन काल में हजारों रामभक्तों पर किस प्रकार अयोध्या में अमानवीय दमन किया गया था। यही नहीं मुलायम के शासन जिस प्रकार से इलाहाबाद उच्च न्यायालय पर सत्तांध सपाईयों का हमला किया गया था और मुजफरनगर काण्ड-94 में जिस शर्मनाक व अमानवीय अत्याचार मुलायम सरकार में उत्तराखण्डियों पर हुए उसका रत्ती भर अहसास बाबा रामदेव को क्यों नहीं है। यह सच है कि बाबा रामदेव को विश्व प्रसिद्ध बाबा रामदेव बनाने मे मुलायम सिंह यादव व उनके साथियों का काफी हाथ है परन्तु उनके मानवता, राष्ट्र व लोकशाही के प्रति गुनाहों को बाबा रामदेव भले ही अपने पर हुए अहसानों से नजरांदाज कर दे परन्तु जिस देश व समाज के दिलों में उनके जुल्मों के घाव अभी तक हैं वे कैसे उनको नजरांदाज कर सकते है। खासकर उत्तराखण्डियों के लिए मुलायम सिंह यादव ने जो जख्म दिये उसे एक बार भगवान राम की सौगन्ध खाने वाले कलयुगी रामभक्त माफ भी कर दें परन्तु उत्तराखण्डी कभी नहीं कर सकते हे। बाबा रामदेव को इस बात का भान होना चाहिए इस काण्ड में मुलायम की शह पर शासन प्रशासन ने जो तांडव किया उसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नाजी अत्चाचारों के समकक्ष रख कर देशभक्तों पर सरकारी दमन बता कर कड़ी भत्र्सना की थी साथ ही दस-दस लाख रूपये का मुआवजा मुलायमी शासन के दरिंदो के जुल्मों को भुक्तभोगियों को देने का निर्णय दिया था।
क्या बाबा रामदेव मुलायम व पवार के प्रति देश की आम जनता की भावनाओं को नजरांदाज करके जो पाक साफ का सर्टिफिकेट उनको दे रहे हैं उनसे उनकी खुद की छवि ही धूमिल होगी। हालांकि उत्तराखण्ड जहां उनका मुख्यालय है उस धरती की जनता उनके मुख्यालय से 100 किमी दूरी पर देहरादून में भाजपा सरकार के शासन काल में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ मूक रहने जनता को उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का मतलब ही समझ में आ गया।
वहीं दूसरी तरफ कृषि मंत्री पंवार को देश के अधिकांश लोग बढ़ती हुई मंहगाई के लिए काफी हद तक जिम्मेदार मानते है। उनको पाक साफ बता कर बाबा रामदेव ने जनभावनाओं का कहां तक सम्मान किया यह तो वे ही जाने । परन्तु देश की जनता चाहती है कि बाबा अगर हकीकत में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करना चाहते हैं तो उनको दलगत व व्यक्तियों के मोह से उपर उठ कर कांग्रेस सहित तमाम दलों के भ्रष्टाचारी नेताओं को एक ही लाठी से हांकना चाहिए। वहीं भारत की एकता व अखण्डता को ध्वस्थ करने वाले विन्दुओं पर गंभीरता से चिंतन मनन करके ही मुंह खोलना चाहिए। देश की जनता की आशायें उन पर है। उनकी आशाओं पर इस प्रकार के कार्यो से बजपात ही होता है।

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