मेरे देश के संसाधनों को लुटवा कर जो 
बने हुए हैं शहंशाह इस जहान में साथी 
उन खूदगर्ज हुक्मरानों को आओ मिल
हम बेनकाब करें इन्हीं के कुकृत्यों से 
   -देवसिंह रावत


आज जल रहा हे लुट रहा है 
चंगेजों के हाथों वतन साथियो
तुम गा रहे हो गीत बसंत के
रो रहा है मेरा वतन साथियो
उठों जागो खुदगर्ज न बनो
वतन की रक्षा में हुंकार भरो। 
कब तक उतारोगे ये आरती
स्वार्थो के लिए इन चंगेजों की 
-देवसिंह रावत 


Comments

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा

नव प्रभात शुभ प्रभात हो