राजधानी बनाओ गैरसैंण 


माफिया, नेता और नौकरशाह यूं बनियांच काल आज
उत्तराखण्डियों की एक ही मांग आज राजधानी गैरसैंण
उत्तराखण्ड का जू च विरोधी, तों कू क्यूं च दून प्यारी,
गैरसैंण मां बसियां च उत्तराखण्डी वीर शहीदों का प्राण
तख नी च कखी भू माफिया, खाली कलंक न लगावा
देहरादून माॅं कख रन देवता भेजी जरा ये भी बतावा
एक बात सभी आज कान लगावा गैरसैंण ना गैर बतावा
गैरसैंण च उत्तराखण्ड की आन मान शान -पहचान 
दीदा गैरसैंण को न गैर बतावा, शहीदों की भूमि यो च
उत्तराखण्ड की प्राण यो च, गैरसैण राजधानी गैरसैण 
लखनऊ से जब छोडी मोह क्यों थोपी अब देहरादून 
आओ मिलके गीत गावा, राजधानी हमारी च गैरसैंण 
-देवसिंह रावत 
(11 फरवरी की रात 9.24 बजे)

Comments

  1. Theek bunaa chhau bhaijee,
    myaaru jabaab REPLY maa padhin,
    aasha kardu sabbi hamaari vyathaa
    se hame chhutkaaru dilelaa jaldi.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा