दुश्मन से बदतर हुए हुक्मरान

दुश्मन से बदतर हुए हुक्मरान
जिस देश में देशद्रोहियों का संरक्षण तथा अन्न उत्पादक किसानोें, मजदूरों व आम राष्ट्र भक्तों का दमन किया जाता है। उस देश को दूश्मनों की क्या जरूरत। उस देश के शासकों को एक पल भी सत्ता में रहने का नैतिक हक नहीं है।

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