खुदा की ऐसी मेहर

खुदा की ऐसी मेहर रही साथी,
हर तुफाने भंवर से बची मेरी कश्ती।
तुम मुस्कराते रहो इसी तरह,
हम हर सितम सह लेगें हंसते हंसते।।
देवसिंह रावत

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