लाखों जीवों की हत्या कराकर देश को कलंकित कर रही है सरकार
लाखों जीवों की हत्या कराकर देश को कलंकित कर रही है सरकार
भारत में लाखों निरापराध, असहाय जीवों को दो टके के लालच में आजादी के बाद की तमाम सरकारों ने (चाहे वे कांग्रेस की रही हो या भारतीय संस्कृति के स्वयंभू ध्वजवाहक संघ द्वारा पोषित-संरक्षित भाजपा के महानायक अटल आड़वाणी के नेतृत्व वाली सरकारें रही हो या अन्य दलों की सांझी सरकार रही हो) हर रोज गो वंश सहित अन्य पशुओं की निर्मम हत्या कराने के लिए देश में सैकड़ों कत्लखाने ही खोल रखे हैं। यह भारतीय भारतीय संस्कृति, ईश्वरी विधान व मानवता के प्रति घोर अपमान हैं। पश्चिमी देशों में तो अज्ञानता का ही शिकंजा कसा रहा, अरब में भी ज्ञान का दिव्य प्रकाश अभी तक नहीं पंहुच पाया। परन्तु भारत में जहां जड़ चेतन में भगवान का परम स्वरूप बताने वाले भगवान श्री कृष्ण, भगवान राम, गौतम बुद्व व महावीर जैन जैसी दिव्यात्मा की अवतरण व कर्म भूमि रही है वहां पर दो टके के खातिर निरापराध जीवों की निर्मम हत्या होनी देश के हुक्मरानों व यहां की जनता को धिक्कार रहा है। भारत में कत्लगाह होना ही भारत के माथे पर बदनुमा कलंक से भी बदतर है।
भारत में लाखों निरापराध, असहाय जीवों को दो टके के लालच में आजादी के बाद की तमाम सरकारों ने (चाहे वे कांग्रेस की रही हो या भारतीय संस्कृति के स्वयंभू ध्वजवाहक संघ द्वारा पोषित-संरक्षित भाजपा के महानायक अटल आड़वाणी के नेतृत्व वाली सरकारें रही हो या अन्य दलों की सांझी सरकार रही हो) हर रोज गो वंश सहित अन्य पशुओं की निर्मम हत्या कराने के लिए देश में सैकड़ों कत्लखाने ही खोल रखे हैं। यह भारतीय भारतीय संस्कृति, ईश्वरी विधान व मानवता के प्रति घोर अपमान हैं। पश्चिमी देशों में तो अज्ञानता का ही शिकंजा कसा रहा, अरब में भी ज्ञान का दिव्य प्रकाश अभी तक नहीं पंहुच पाया। परन्तु भारत में जहां जड़ चेतन में भगवान का परम स्वरूप बताने वाले भगवान श्री कृष्ण, भगवान राम, गौतम बुद्व व महावीर जैन जैसी दिव्यात्मा की अवतरण व कर्म भूमि रही है वहां पर दो टके के खातिर निरापराध जीवों की निर्मम हत्या होनी देश के हुक्मरानों व यहां की जनता को धिक्कार रहा है। भारत में कत्लगाह होना ही भारत के माथे पर बदनुमा कलंक से भी बदतर है।
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