राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के नाम पर अपमान करने से बाज आये सरकार
राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के नाम पर अपमान करने से बाज आये सरकार
नई दिल्ली ं(प्याउ)।15 मई को उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलनकारी प्रमुख संगठनों की दिल्ली के गठवाल भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में राज्य गठन के बाद अब तक की तमाम सरकारों द्वारा राज्य जनांकांक्षाओं को निर्ममता से रौंदे जाने पर जहां गहरा आक्रोश प्रकट किया वहीं राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के नाम पर जो अपमानजनक मापदण्ड अपनाये गये हैं उसकी कड़ी भत्र्सना की । इस बैठक में राज्य गठन जनांदोलन में संसद की चैखट में ऐतिहासिक 6 साल का सफल धरना देने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अलावा उत्तराखण्ड जनमोर्चा व उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के प्रमुख आंदोलनकारियों ने भाग लिया। बैठक में सर्व सम्मत से प्रदेश सरकार से मांग की गयी कि अगर सरकार ने आंदोलनकारियों को ईमानदारी से चिन्हित ही करना है तो उसे तत्काल राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख संगठनों से उनके प्रमुख आंदोलनकारियों के नामों को आंमंत्रित करना चाहिए। इस अवसर पर समस्त आंदोलनकारियों ने इस बात पर गहरी नाराजगी प्रकट की कि राज्य गठन के ग्यारह साल बाद भी प्रदेश के अब तक की भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख सैनानियों तक को चिन्हित नहीं कर पायी। वहीं राज्य गठन आंदोलनकारियों के नाम से इन दोनों दलों की सरकारों ने आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के नाम पर शासन प्रशासन से मिल कर अपने प्यादों को चिन्हित करके राज्य गठन के प्रखर आंदंोलनकारियों की शर्मनाक उपेक्षा कर रखी है। उत्तराखण्ड राज्य गठन के आंदोलनकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि उन्हें न तो सरकार से किसी सम्मान या पदक की जरूरत है परन्तु अगर सरकार राज्य गठन आंदोलनकारियों के नाम से चिन्हित करने का काम कर रही है तो उसे सही आंदोलनकारियों को चिन्हित करना चाहिए। राज्य आंदंोलनकारी राजेन्द्र शाह द्वारा आहुत इस बैठक की अध्यक्षता जनमोर्चा के अध्यक्ष जगदीश नेगी ने की व संचालन डा एस एन वसलियाल ने किया। बैठक को संबोधित करने वालों में राजेन्द्र शाह के अलावा उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के संयोजक उदय राम ढौंडियाल, उत्तराखण्ड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख एस के शर्मा, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत, उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के पूर्व महासचिव दाताराम चमोली, उजसमों के उपाध्यक्ष विनोद नेगी, बृजमोहन सेमवाल, जनमोर्चा के दलवीर रावत, पंजाब से आये हुए बी एस रावत, आंदोलनकारी हरकसिंह रावत आदि ने संबोधित किया। सभा का समापन करते हुए उजसमों के पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट ने सभी आंदोलनकारियों को एकजूट हो कर राज्य जनांकांक्षाओं को साकार करने का आवाहन किया। इस बैठक में उपस्थित होने वाले प्रमुख आंदोलनकारियों में उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के महासचिव जगदीश भट्ट, उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के बृजमोहन उप्रेती, राजेन्द्र नेगी, हुकमसिंह कण्डारी, श्री चैनियाल, जोशी, फरतियाल, आर एस नेगी, जगमोहन सिंह रावत, श्री थपलियाल, रिखी रावत, रामी भारद्वाज, सुन्दरी बडोला व सत्या रावत सहित कई प्रमुख आंदोलनकारी नेत्री भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली ं(प्याउ)।15 मई को उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलनकारी प्रमुख संगठनों की दिल्ली के गठवाल भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में राज्य गठन के बाद अब तक की तमाम सरकारों द्वारा राज्य जनांकांक्षाओं को निर्ममता से रौंदे जाने पर जहां गहरा आक्रोश प्रकट किया वहीं राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के नाम पर जो अपमानजनक मापदण्ड अपनाये गये हैं उसकी कड़ी भत्र्सना की । इस बैठक में राज्य गठन जनांदोलन में संसद की चैखट में ऐतिहासिक 6 साल का सफल धरना देने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अलावा उत्तराखण्ड जनमोर्चा व उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के प्रमुख आंदोलनकारियों ने भाग लिया। बैठक में सर्व सम्मत से प्रदेश सरकार से मांग की गयी कि अगर सरकार ने आंदोलनकारियों को ईमानदारी से चिन्हित ही करना है तो उसे तत्काल राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख संगठनों से उनके प्रमुख आंदोलनकारियों के नामों को आंमंत्रित करना चाहिए। इस अवसर पर समस्त आंदोलनकारियों ने इस बात पर गहरी नाराजगी प्रकट की कि राज्य गठन के ग्यारह साल बाद भी प्रदेश के अब तक की भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख सैनानियों तक को चिन्हित नहीं कर पायी। वहीं राज्य गठन आंदोलनकारियों के नाम से इन दोनों दलों की सरकारों ने आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के नाम पर शासन प्रशासन से मिल कर अपने प्यादों को चिन्हित करके राज्य गठन के प्रखर आंदंोलनकारियों की शर्मनाक उपेक्षा कर रखी है। उत्तराखण्ड राज्य गठन के आंदोलनकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि उन्हें न तो सरकार से किसी सम्मान या पदक की जरूरत है परन्तु अगर सरकार राज्य गठन आंदोलनकारियों के नाम से चिन्हित करने का काम कर रही है तो उसे सही आंदोलनकारियों को चिन्हित करना चाहिए। राज्य आंदंोलनकारी राजेन्द्र शाह द्वारा आहुत इस बैठक की अध्यक्षता जनमोर्चा के अध्यक्ष जगदीश नेगी ने की व संचालन डा एस एन वसलियाल ने किया। बैठक को संबोधित करने वालों में राजेन्द्र शाह के अलावा उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के संयोजक उदय राम ढौंडियाल, उत्तराखण्ड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख एस के शर्मा, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत, उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के पूर्व महासचिव दाताराम चमोली, उजसमों के उपाध्यक्ष विनोद नेगी, बृजमोहन सेमवाल, जनमोर्चा के दलवीर रावत, पंजाब से आये हुए बी एस रावत, आंदोलनकारी हरकसिंह रावत आदि ने संबोधित किया। सभा का समापन करते हुए उजसमों के पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट ने सभी आंदोलनकारियों को एकजूट हो कर राज्य जनांकांक्षाओं को साकार करने का आवाहन किया। इस बैठक में उपस्थित होने वाले प्रमुख आंदोलनकारियों में उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के महासचिव जगदीश भट्ट, उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के बृजमोहन उप्रेती, राजेन्द्र नेगी, हुकमसिंह कण्डारी, श्री चैनियाल, जोशी, फरतियाल, आर एस नेगी, जगमोहन सिंह रावत, श्री थपलियाल, रिखी रावत, रामी भारद्वाज, सुन्दरी बडोला व सत्या रावत सहित कई प्रमुख आंदोलनकारी नेत्री भी उपस्थित थे।
Rajinder Shah Congress leader,is main organiser means now allthree organisation support congress(I).in coming election`s in Uttrakhand.or support third front.goverment means cong(I) & BJP.
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