19 वर्शीय किरण नेगी के अपहरण के विरोध में जंतर मंतर पर उत्तराखण्डियों का विरोध प्रदर्षन


19 वर्शीय किरण नेगी के अपहरण के विरोध में जंतर मंतर पर उत्तराखण्डियों का विरोध प्रदर्षन
दिल्ली पुलिस के नक्कारेपन से आक्रोषित जनता

नई दिल्ली(प्याउ)। अज्ञात लोगों द्वारा 9 फरवरी को  अगवा की गयी उत्तराखण्ड मूल की 19 वर्शीय किरण नेगी का पांच दिन गुजर जाने के बाद भी सुराग पाने मे दिल्ली पुलिस के नक्कारापन्न को देख कर आक्रोषित लोगों ने राश्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर 13 फरवरी की सांय 6 बजे मोमबती जला कर विरोध मार्च किया। वहीं दूसरी तरफ अपुश्ट सुत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस इस अपहरण को सुलझाने के लिए कई दस्ते बना कर पूरे प्रकरण को सुलझाने में दिन रात लगी है। इस प्रकरण के विरोध में नजफगढ़ क्षेत्र की आम जनता की अगुवायी में संसद के समीप हुए इस विरोध प्रदर्षन में जहां बड़ी संख्या में उत्तराखण्डी समाज के अग्रणी समाजसेवियों, राजनेताओं, पत्रकारों के साथ दिल्ली के प्रबुद्वजनों ने भाग लिया। प्रदर्षनकारी जहां दिल्ली पुलिस द्वारा 5 दिन बीत जाने के बाबजूद अपराधियों व अगुवा की गयी लड़की का सुराख तक न निकाल पाने के लिए दिल्ली पुलिस हाय हाय और गृहमंत्री व दिल्ली की मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्षनकारियों में बड़ी संख्या में महिलायें भी सम्मलित थी। इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए म्यर उत्तराखण्ड के प्रमुख मोहनसिंह बिश्ट ने बताया कि ंदिल्ली के छावला नजफगढ़ निवासी 19 वर्शीय किरन नेगी सुपुत्री उम्मरसिंह नेगी को ऑफिस से घर आते वकत 9 फरवरी 2012 सायं करीब 8 .30 बजे को कुतुब विहार (छावला) नजफगढ़ से उस समय एक बिना नम्बर प्लेट लगी हुए कार सवारों ने अगवा किया जब वह अपने सहेलियों के साथ घर वापस आ रही थी। सरेआम हुई इस घटना से क्षेत्र मे रह रहे सभी समुदायों के सेकडों लोगो ने नजफगड़ थाने व रोड़ पर निरंतर प्रदर्षन करके दोशियों को पकड़ने व अगुवा लड़की को बरामद करने की लगातार मांग की।
अगवा की गयी उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद मूल की 19 वर्शीय किरण नेगी की खबर सुनते ही जहां दिल्ली में नजफगढ़ क्षेत्र की आम जनता आक्रोषित हैं वहीं राश्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले 30 लाख उत्तराखण्डियों में भारी हलचल दिखाई दे रही है। इस घटना के विरोध में संसद के समक्ष 13 फरवरी को सांय 6 बजे सेकड़ों लोगों ने घण्टों तक जंतर मंतर पर प्रदर्षन किया उससे साफ हो गया कि अगर समय रहते दिल्ली पुलिस ने इस प्रकरण के दोशियों को दबोचते हुए अगुवा की गयी 19 वर्शीय किरण नेगी की सकुषल बरामदगी नहीं की तो आने वाले समय में दिल्ली को अपने राज्यगठन जनांदोलन से झकझोरने वाला दिल्ली का बृहद उत्तराखण्डी समाज सड़कों पर उतरने के लिए विवष हो जायेगा। इस प्रकरण में जहां क्षेत्र के लोगों के साथ दिल्ली प्रदेष भाजपा, जद यू, कांग्रेस से जुड़े नेताओं के अलावा उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के प्रमुख आंदोलनकारी संगठन के प्रमुख लोगों के अलावा बड़ी संख्या में समाजसेवी संगठनों के लोग भाग लिया, उससे साफ लगता है कि अगर दिल्ली पुलिस ने इस घटना को हल्के मे लिया तो दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन सडकों पर होने से नहीं रोका जा सकेगा।  इस विरोध प्रदर्षन में जहां दिल्ली प्रदेष जदयू के प्रदेष अध्यक्ष ठाकुर बलबीर सिंह, भाजपा के उत्तराखण्ड सरकार के दर्जाधारी पीसी नैनवाल, उत्तराखण्ड राज्य गठन के प्रमुख संगठन उत्तराखण्ड जनता संघर्श मोर्चा के अध्यक्ष व पत्रकार देवसिंह रावत,  दिल्ली प्रदेष भाजपा के पूर्व सचिव उदय षर्मा, भाजपा पंचायती प्रकोश्ठ के संयोजक विजय सत्ती, म्यर उत्तराखण्ड के मोहन सिंह बिश्ट, सुदर्षन रावत, दीपक पंत, विनोद षाही, अन्नू चैहान  व भूपाल बिश्ट, पत्रकार चारू तिवारी, विनोद रावत, सतेन्द्र रावत, अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के जयसिंह रावत, नन्दन वोरा मुडेपी, समाजसेवी मोहनसिंह रावत, सार्थक प्रयास के उमेष पंत, हिन्द मजदूर सगठन के विक्रम रावत, कांग्रेसी नेता बिश्ट, नौएडा से योगेन्द्र षर्मा, राजेन्द्र सजवाण, डेसू कलोनी से श्री नेगी जी, साहित्यकार जयपालसिंह रावत व उत्तराखण्ड लोकमंच के दिनेष ध्यानी, उत्तराखण्ड महासभा के अनिल पंत, गुसांई, उत्तराखण्ड क्लब के नरेन्द्र बत्र्वाल,रौतेला, राहुल पोखरियाल, गणेष सजवान, समाजसेवी श्रीमती रावत, कांग्रेसी नेता गेंदालाल व बलवंत सिंह रावत सहित सैकड़ों लोगों ने इस प्रदर्षन में भाग लिया। आंदोलनकारियों ने ऐलान किया कि अगर दिल्ली पुलिस षीघ्र ही इस प्रकरण के अपराधियों को नहीं पकड़ती है तो आक्रोषित जनता मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के आवास पर प्रदर्षन करेगा।

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