भारत की तरह नपुंसक बैठकर नहीं अपितु आतंकियों को मुहतोड़ जवाब देगा इस्राइल

-भारत की तरह नपुंसक बैठकर नहीं अपितु आतंकियों को मुहतोड़ जवाब देगा इस्राइल
-ईरान के लिए ताबूत की कील साबित होगी कार विस्फोट प्रकरण

दिल्ली व जार्जिया में इसी सप्ताह सोमवार को हुए हमले के बाद इस्राइल व ईरान के बीच सम्बंध बहुत ही खतरनाक मौड़ में पहुंच गये है। इस घटना से पहले ही ईरान द्वारा परमाणु अस्त्रों के निर्माण के कारण तनावपूर्ण स्थिति में पंहुचे सम्बंधों की विस्फोटक स्थिति में पंहुचने की आषंका से पूरा संसार सहमा हुआ है। गौरतलब है कि इस्राइल कोई भारत जैसा देष नहीं कि जिस पर कोई भी आतंकी हमला करे व वह मात्र दोशी का नाम ले कर मूक हो जाये। इस्राइल अपने गुनाहगारों को वह संसार के किसी भी कौने में कहीं भी छिपे हों उनको उनकी मांद में मारने का काम करने के लिए विख्यात है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस्राइल ने अपने एक सिपाई को बधक बनाये जाने पर फिलिस्तीन की ईट से ईंट बजा दी थी, दूसरी तरफ भारत की सर्वोच्च सदन संसद पर पाक के हमले के बाद भी नपुंसकों की तरह विधवा विलाप करता रहा है। इसी नपुंसकता को देख कर पाक व अमेरिकी परस्त आतंकियों ने संसद, लालकिला, मुम्बई, अक्षर धाम सहित देष की राजधानी को अपने नापाक हमलों के बाबजूद आज भी अपने दोशियों को चिन्हित करने के बाबजूद फांसी की सजा प्राप्त दोशियों को मौत की सजा देने का साहस तक नहीं कर पा रहा है। वहीं इस्राइल अपने एक नागरिक व सम्मान के लिए कहीं भी दोशियों का सफाया करने में अपने जाबांज मौसाद को इजाजत देता है। सबसे अहम सवाल यह है कि पहले ही ईरान को तबाह करने का बहाना ढूढ रहे अमेरिका को अपने मित्र इस्राइल पर हुआ यह हमला किसी बरदान से कम साबित नहीं होगा। गौरतलब है अफगानिस्तान, इराक, लीबिया व पाक को तबाह करने के बाद पष्चिमी देष ईरान पर भी अपनी नजरे गडाये हुए है। अब इस्राइल पर हुए इस कार हमले को इस्राइल न केवल मुंहतोड़ जवाब देगा अपितु ऐसी आषंका भी प्रकट की जा रही है यह प्रकरण इस्राइल के लिए ताबूत का कील साबित होगी।
वर्तमान तनाब की कड़ी में आग का काम किया दिल्ली में इस्राइली दूतावास की कार में हुए बम विस्फोट ने । दिल्ली व जार्जिया में सोमवार 13 फरवरी को इस्राइली राजनियकों की कार  पर हुए आतंकी हमलों को इस्राइल ने इस्राइल पर किया गया आतंकी हमला माना और इसके लिए इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, ‘‘दिल्ली और जार्जिया  दोनों मामलों में ईरान शामिल है और उसने हमलों के लिए हिजबुल्ला की मदद की।’’इस्राइली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यिगल पालमोर ने कह ,कि इसा्रइली राजनयिकों को उस वक्त निशाना बनाया गया है, जब हिजबुल्ला के उपनेता इमाद मुगनियाह के मारे जाने की चैथी बरसी है। वह एक कार बम हमले में मारे गए थे।  दिल्ली में  प्रधानमंत्री आवास के 500 मीटर दूरी पर हुई इस विस्फोट से पूरा विष्व सहम गया।  प्रधानमंत्री के आवास सात रेसकोर्स रोड से मात्र 500 मीटर दूर दिन में सवा तीन बजे हुई इस घटना के बारे में दिल्ली पुलिस आयुक्त बी के गुप्ता ने कहा कि इस्राइली उच्चायोग के कार के पिछले हिस्से में संभवतः चुंबकीय उपकरण लगाकर विस्फोट किया गया और इसके लिये संभवतरू रिमोट कंट्रोल उपकरण का उपयोग किया गया है। घटना की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को सौंपी गयी है। ‘इस हमले में इस्राइल दूतावास की यह कार ‘109 सीडी 35 ’’ नंबर की टोयटा इनोवा धू धू कर जलने लगी ।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस को दी गयी एक अहम  प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार औरंगजेब रोड क्रासिंग के पास कार में एक मोटर साइकिल सवार ने चुंबकीय उपकरण लगाया जिसके बाद कुछ ही मीटर आगे बढ़ने पर कार में हल्का विस्फोट हुआ और उसमें आग लग गई।
इस्राइली दूतावास की एक कार में मिशन के निकट ही आज दोपहर बाद विस्फोट हो गया जिसमें दूतावास के तीन कर्मचारी घायल हो गये।कार का चालक, जो भारतीय नागरिक है और दूतावास की एक महिला कर्मचारी घायल हुए हैं । एक अन्य कार में चल रहे दो अन्य लोग भी मामूली घायल हुए हैं ।
सोमवार को ही इस्राइल पर हो रही दूसरी आतंकी घटना को अंजाम होने से पहले ही नश्ट करके किसी दुर्घटना से बचा गया। जार्जिया की राजधानी तिबलिसी में भी इस्राइली दूतावास के एक वाहन में बम पाया गया, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया । इस्राइल ने इसमें ईरान का हाथ होने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री के आवास सात रेसकोर्स रोड से मात्र 500 मीटर दूर दिन में सवा तीन बजे हुई इस घटना के बारे में दिल्ली पुलिस आयुक्त बी के गुप्ता ने कहा कि इस्राइली उच्चायोग के कार के पिछले हिस्से में संभवतरू चुंबकीय उपकरण लगाकर विस्फोट किया गया और इसके लिये संभवतः  रिमोट कंट्रोल उपकरण का उपयोग किया गया है। घटना की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को सौंपी गयी है।
इस पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए इस्राइली विदेश मंत्री आविगडोर लिबरमैन ने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि इस्राइल और उसके नागरिकों को देश के भीतर एवं बाहर आतंक का सामना करना पड़ा रहा है। हम रोजाना इससे निपटते हैं। हम जानते हैं कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगोें की शिनाख्त कैसे की जाती है।’’
इस्राइली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यिगल पालमोर ने कहा, ‘‘हम इस बात की इजाजत नहीं देंगे कि आतंकवाद हमारे एजेंडे को प्रभावित करे।’’
आतंकी घटना संसार के किसी भी कौने में हो उसकी निंदा की जानी चाहिए। चाहे आतंक अमेरिका फेलाये या ईरान या पाकिस्तान या इस्राइल। परन्तु परमाणु बम के निर्माण से उपजे तनाव के बाद अमेरिका व उसके मित्र देषों के साथ ईरान के सम्बंध बेहद खतरनाक मोड़ पर पंहुच जायेगे। हो सकता है अमेरिका इस प्रकरण की आड़ में ईरान को इराक, लीबिया आदि बनाने की नापाक कोषिष न करे। अब भारतीय हुक्मरानों को इस प्रकरण से अपने आत्मसम्मान की कैसे रक्षा की जाती है इसको सिखना होगा। षेश श्रीकृश्ण कृपा । हरि ओम तत्सत्। श्री कृश्णाय नमो।

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