25 हजार डाकमत पत्रों के बेरंग आने से भाजपा में मचा हडकंप
25 हजार डाकमत पत्रों के बेरंग आने से भाजपा में मचा हडकंप
देहरादून (प्याउ)। 25 हजार से अधिक संख्या में डाकमतों का बिना मतदान के वापस पंहुचने की खबर से पोस्टल मतों को अपनी वापसी का मजबूत आधार मानने वाली भाजपा में हडकंप ही मच गया। डाकमत पत्रों पर कांग्रेस ने जिस प्रखरता से सजग हो कर इस बार उठाया उससे पोस्टल मतों में पूर्व की तरह इनका प्रयोग करने में सम्बंधित अधिकारियों ने सावधानी बरती। इस बार प्रदेश में डाक मतों खासकर सैन्य डाकमतों की गडबड़ी के आशंका से कांग्रेस ने चुनाव आयोग से लेकर पूरे तंत्र पर सजग प्रहरेदारी कर रही है उससे किसी भी अधिकारी द्वारा इसमें नाहक ही अपनी टांग फंसाने के बजाय इससे दूरी रखना ही बेहतर समझा होगा। इस लिए इस बार पोस्टल मतों में इस प्रकार की धांधली बड़ी संख्या में होने की आशंका काफी कम हो गयी है। चुनाव आयोग द्वारा पोस्टल मतों के बेरंग वापसी का ऐलान करने के बाद भाजपा की प्रतिक्रिया मे ंझल्लाहट साफ नजर आ रहा है कि भाजपा 25985 पोस्टल नामित मतदाता तक नहीं पंहुचे पोस्टल मतों तथा 55221 पोस्टल बैलेट की स्थिति स्पष्ट नहीं होने तक 6 मार्च को होने जा रही मतगणना को रोक देने की मांग तक कर दी। भाजपा को जहां इसमें कांग्रेसी षडयंत्र की बू आ रही है वह अब चुनाव आयोग पर को भी कटघरे में खडा करने की कोशिश कर रहा है। भाजपा की हडकंप का कारण 25 हजार से अधिक मतपत्रो ंका बेंरग लोट आना है। गौरतलब है कि इस चुनाव में प्रदेश में सर्विस एवं चुनाव ड्यूटी से जुड़े 1,20,778 वोट हैं। जिसमें सेना,अर्धसैनिक व अन्य के 1,02,220 वोट हैं एवं 20.558 चुनाव कर्मचारियों के वोट हैं। जो 24 फरवरी तक 25,057 सर्विस वोट एवं 14,515 चुनाव ड्यूटी के वोट राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त हुए हैं। जिनकी कुल संख्या 39,572 है। साथ ही 25,985 वोट बैरंग आए। शेष 56,221 वोटों की वास्तविक स्थिति का स्पष्ट नहीं होना । वेसे बेरंग लोट आये डाकमतों को जहां सैन्य परिजनो का इस लिस्ट में होने के साथ साथ इन चुनाव की निष्पक्षता पर चुनाव आयोग से लेकर शासन प्रशासन की कड़ी नजर लगना भी माना जा रहा है। कोई अधिकारी इस बार अपनी टांग नाहक ही नहीं फंसाना चाहता है। भाजपा की हैरानी का कारण यह भी है कि इन्हीं मतपत्रों के भरोसे वह चुनावी जंग में फंसी अपनी नौका को पार लगाने की आश लगाये हुए हैं।
देहरादून (प्याउ)। 25 हजार से अधिक संख्या में डाकमतों का बिना मतदान के वापस पंहुचने की खबर से पोस्टल मतों को अपनी वापसी का मजबूत आधार मानने वाली भाजपा में हडकंप ही मच गया। डाकमत पत्रों पर कांग्रेस ने जिस प्रखरता से सजग हो कर इस बार उठाया उससे पोस्टल मतों में पूर्व की तरह इनका प्रयोग करने में सम्बंधित अधिकारियों ने सावधानी बरती। इस बार प्रदेश में डाक मतों खासकर सैन्य डाकमतों की गडबड़ी के आशंका से कांग्रेस ने चुनाव आयोग से लेकर पूरे तंत्र पर सजग प्रहरेदारी कर रही है उससे किसी भी अधिकारी द्वारा इसमें नाहक ही अपनी टांग फंसाने के बजाय इससे दूरी रखना ही बेहतर समझा होगा। इस लिए इस बार पोस्टल मतों में इस प्रकार की धांधली बड़ी संख्या में होने की आशंका काफी कम हो गयी है। चुनाव आयोग द्वारा पोस्टल मतों के बेरंग वापसी का ऐलान करने के बाद भाजपा की प्रतिक्रिया मे ंझल्लाहट साफ नजर आ रहा है कि भाजपा 25985 पोस्टल नामित मतदाता तक नहीं पंहुचे पोस्टल मतों तथा 55221 पोस्टल बैलेट की स्थिति स्पष्ट नहीं होने तक 6 मार्च को होने जा रही मतगणना को रोक देने की मांग तक कर दी। भाजपा को जहां इसमें कांग्रेसी षडयंत्र की बू आ रही है वह अब चुनाव आयोग पर को भी कटघरे में खडा करने की कोशिश कर रहा है। भाजपा की हडकंप का कारण 25 हजार से अधिक मतपत्रो ंका बेंरग लोट आना है। गौरतलब है कि इस चुनाव में प्रदेश में सर्विस एवं चुनाव ड्यूटी से जुड़े 1,20,778 वोट हैं। जिसमें सेना,अर्धसैनिक व अन्य के 1,02,220 वोट हैं एवं 20.558 चुनाव कर्मचारियों के वोट हैं। जो 24 फरवरी तक 25,057 सर्विस वोट एवं 14,515 चुनाव ड्यूटी के वोट राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त हुए हैं। जिनकी कुल संख्या 39,572 है। साथ ही 25,985 वोट बैरंग आए। शेष 56,221 वोटों की वास्तविक स्थिति का स्पष्ट नहीं होना । वेसे बेरंग लोट आये डाकमतों को जहां सैन्य परिजनो का इस लिस्ट में होने के साथ साथ इन चुनाव की निष्पक्षता पर चुनाव आयोग से लेकर शासन प्रशासन की कड़ी नजर लगना भी माना जा रहा है। कोई अधिकारी इस बार अपनी टांग नाहक ही नहीं फंसाना चाहता है। भाजपा की हैरानी का कारण यह भी है कि इन्हीं मतपत्रों के भरोसे वह चुनावी जंग में फंसी अपनी नौका को पार लगाने की आश लगाये हुए हैं।
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