महान गायक नरेन्द्रसिंह नेगी जी को शतःशतः नमन् नरेन्द्रसिंह नेगी न केवल उत्तराखण्ड के चोटी के कलाकार हैं अपितु उन्होंने उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत को अपने स्वरों से न केवल देश प्रदेश अपितु विदेश में बसे लाखों उत्तराखण्डियों के हृदय में बसाने का भी काम किया। इसके अलावा उन्होंने सामान्य कलाकारों की तरह उत्तराखण्ड के हक हकूकों व जनांकांक्षाओं को अपनी अंध सत्तालोलुपुता से रौंदने वाले कुशासकों के कृत्यों को बेनकाब करने के लिए जनता में अपने विशेष गीतों से गूंजायमान किया है। सीमा रक्षा में जुटे सेना के असंख्य जवान हो या ससुराल में रहने वाली आम नारी या देश विदेश में रहने वाले लाखों प्रवासी अपनी जन्म भूमि से जोडने का एकमात्र सहारा नेगी जी के कालजयी गीत हैं। इससे आक्रोशित हो कर उत्तराखण्डी तत्व उनके विराट व्यक्तित्व पर छीटा कसी करने का का षडयंत्र रच रहे है। इसलिए उत्तराखण्ड के तमाम प्रबुद्ध जनों से अपील है कि ऐसे तत्वों का मोहरा बन कर उनके नापाक कृत्यों पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने के बजाय उनको ब्लाक करें। उनको अहमियत ही न दें। जब तक नरेन्द्रसिंह न...
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Showing posts from November, 2012
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प्रदीप टम्टा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहते हैं तिवारी! देहरादून (प्याउ)। क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायणदत्त तिवारी अपने प्रबल विरोधी हरीश रावत के सबसे करीबी सिपाहे सलार सांसद प्रदीप टम्टा को उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाना चाहते है। गत सप्ताह देहरादून में एफआरआई परिसर में स्थित तिवारी के अनन्त वन आवास में हुई प्रदीप टम्टा के साथ भेंटवार्ता के बाद तिवारी का यह कथन की ‘मेरी इच्छा है कि प्रदीप टम्टा प्रदेश की राजनीति में भी सक्रिय हो’, से तो कम से कम यहीं अर्थ लोग लगा रहे है। गौरतलब है कि सपा प्रमुख मुलायमसिंह के साथ पींगे बढ़ा रहे पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के साथ केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत व सांसद प्रदीप टम्टा की भैंट होने से प्रदेश की राजनीति में नया समीकरण बनने के कायस लगाया जा रहा है। जिस प्रकार से तिवारी के कई कृत्यों व प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कुशासन से प्रदेश की जनता में तिवारी के प्रति निरंतर आक्रोश बढ़ने के कारण कांग्रेस आला नेतृत्व ने तिवारी से दूरियां बना ली थी। इसी को भांपते हुए प्रदेश कांग्रेस में भी तिवारी से दू...
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आतंकियों से अधिक खतरनाक साबित हो रहे है देश की सुरक्षा के लिए सत्तांध हुक्मरान आतंकी पाक से क्रिकेट खेल कर या आतंकियों को रिहा कराके नहीं कैसे होगी देश की रक्षा कारगिल, संसद व मुम्बई पर आतंकी हमलों के बाद भी क्यों आत्मघाती नींद में सोये हैं भारतीय हुक्मरान मुम्बई पर आतंकी हमले की बरसी पर अमेरिका में जेल में बद अमेरिकी ऐजेन्ट हेडली की मांग करे भारत एक तरफ देश 26 नवम्बर को मुम्बई पर हुए हमले की बरसी मना रहा है। देश के हुक्मरान घडियाली आंसू बहा कर आतंकबाद का मुंहतोड़ जवाब देने की कसमें खा रहा है। पूरा देश इस काण्ड में जहां इस काण्ड पर मातम मना कर श्रद्धांजलि दे रहा है । वहीं इस काण्ड के मुख्य गुनाहगार अमेरिका व पाक में बैठ कर हमारे हुक्मरानों की नपुंसकता पर उपहास उडाते हुए उल्टा भारत पर फिर हमले की धमकी दे रहे है। देश के हुक्मरानों की नपुंसकता का इससे ज्यादा परिचय क्या होगा कि इस काण्ड के मुख्य गुनाहगार पाक में जश्न मना रहा है हमारे देश के हुक्मरान उसी आतंकियों के संरक्षणदाता पाक के साथ क्रिकेट मेच खेलने व उनके हुक्मरानों से पींगे बढ़ाने के लिए बेशर्मी से लाला...
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पौंटी जैसे थैलीशाहों के रहमों करम पर दम तोड़ती लोकशाही निशक सरकार में बना पौंटी का मित्र नामधारी अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष, भाजपा व कांग्रेस, सपा बसपा शासन में भी पौंटी पर रही मेहरवानी उप्र, पंजाब , उत्तराखण्ड के शासन प्रशासन पर पौंटी चढ़ढा का शिकंजा, पौंटी के प्यादे बने राजनेता के नाम बेनकाब किये जाय उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड सहित कई राज्यों में शराब, रियल स्टेट व फिल्म आदि कारोबार के बल पर इन प्रदेश के पदलोलुपु राजनेताओं को अपनी जेब में रख कर इन प्रदेश की सरकारों को अपने हितों की पूर्ति के लिए अपने इशारे पर चलाने वाले पौंटी चढ़ढा की हत्या से इन प्रदेश की लोकशाही पर गंभीर प्रश्न उठ गये हैं। सवाल केवल एक पोंटी चढ़ढा का नहीं अपितु देश की व्यवस्था में कदम कदम पर आज के सत्तालोलुपु हुक्मरानों ने असंख्य पौंटी चढ़ढाओं को देश की व्यवस्था पर ग्रहण लगाने के लिए संरक्षण दिया हुआ है। आज देश में दो या तीन दशक में जितने भी अधिकांश नव धनाडय हुए उनमें से 99 प्रतिशत ऐसे ही लोग है जिन्होंने देश व समाज को रौंद कर अपने अटल सम्राज्य स्थापित कर दिये है। अधिकांश भ्रष्टाचारी लोग आज...
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आम आदमी पार्टी के खेवनहार क्यों नहीं जीत पा रहे हैं अपनो का ही विश्वास नई दिल्ली (प्याउ)।एक तरफ देश को भ्रष्टाचार व स्थापित दलों की अलोकशाही प्रवृति से मुक्ति दिलाने के नाम पर देश में एक नयी राजनैतिक दल ‘आम आदमी पार्टी’ के गठन का ऐलान अन्ना हजारे के नेतृत्व में जनलोकपाल गठन की देशव्यापी जनांदोलन के सबसे प्रमुख सिपाहेसलार अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसौदिया व साथी 24 नवम्बर को देश की सर्वोच्च संस्था संसद भवन के करीब काॅस्टीटयूशन क्लब में कर रहे थे। वहीं उसी समय अण्णा, रामदेव सहित देश के तमाम जनांदोलनों के निर्णायक संघर्ष का कुरूक्षेत्र रहे संसद की चैखट जंतर मंतर पर इंडिया अगेन्सट करप्शन के पुराने साथी श्रीओम अर्जव अपने साथियों के साथ सरकार से अण्णा व अरविन्द दोनो पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अविलम्ब लोकपाल विधेयक को संसद के इसी सत्र पारित करने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। ऐसा नहीं कि केवल राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर में ही एआईसी के पूर्व साथी विरोध कर रहे थे। जैसे ही काॅस्टीट्यूशन क्लब में अपने आम आदमी पार्टी की घोषणा करते हुए बताया गया कि इस पार्टी की करीब 350 संस्थ...
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नरेन्द्र नेगी के ‘जय नन्दा राज राजेश्वरी ’गीत से गूंजायमान हुआ दिल्ली का अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला दस सालों में दिल्ली की सरकारों से मदद लेगा नहीं देगा उत्तराखण्ड भले ही उत्तराखण्ड के महान गायक नरेन्द्रसिंह नेगी दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे भारत के अन्तराष्ट्रीय व्यापार मेले में 24 नवम्बर की सांयकाल को आयोजित उत्तराखण्ड दिवस समारोह में साक्षात उपस्थित नहीं थे परन्तु अन्य कलाकारों द्वारा उनके द्वारा गाये गये कालजयी गीत ‘जै भगोती नन्दा, जै ऊंचा कैलाशों की‘ तेरों त्रिसिग्या खाडू, तेरी छतेरी रिंगाल की...’.को गा कर यहां का पूरा ही माहौल भगवान शिवशक्ति की परमशक्ति ‘श्री नन्दा राज राजेश्वरी’ मय कर दिया। उत्तराखण्ड के महान गायक नेगी जी द्वारा गाये इस गीत पर अन्य कलाकारों के स्वरों. पर अपने सुन्दर नृत्य से नन्दादेवी के मूल क्षेत्र की परंपरागत पाखूला पहने हुई सुन्दर नृतकियों व परंपरागत परिधान पहनेे कलाकारों ने इस समारोह में उपस्थित मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सहित तमाम लोगों का मनमोह लिया। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड प्रदेश में सत्तासीन रहे कांग्रेस के तिवारी सरकार व भाजपा ...
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एकादशी की बग्वाल की हार्दिक शुभकामनाएॅ आप सभी को 24 नवम्बर को इकास बग्वाल की हार्दिक शुूभकामनाएॅ। दीपावली के 11 दिन बाद एकादशी की तिथी के अवसर पर आयोजित इस बग्वाल को इकास यानी इकादशी बग्वाल के नाम से पूरे उत्तराखण्ड में दिवाली की तरह ही बहुत ही हर्षोल्लाश के साथ मनाते है। उत्तराखण्ड में तीन बग्वाल यानी दिवाली मनाने की प्रथा है। पहली बग्वाल यानी दिवाली पूरे उत्तराखण्ड में दीपावली के एक दिन पहले मनायी जाती है। उसे जेठी बग्वाल के नाम से जाना जाता है। दूसरी बग्वाल जिसे पूरे देश में दीपावली के नाम से मनाया जाता है और तीसरी बग्वाल दीपावली के 11 दिन बाद मनायी जाती है इसे छोटी या इकास बग्वाल के नाम से जाना जाता है। इस दिन भी बग्वाल की तरह दाल के पकोड़े आदि व्यंजनों व घर आंगन को फूलों से सजाने के साथ साथ गौ ग्रास पूजन किया जाता है। तीनों बग्वाल के अवसर पर नव विवाहित बहुयें अपने मायके भी विशेष रूप से जाती है।
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प्रगति मैदान व्यापार मेले में 24 नवम्बर को उत्तराखण्ड दिवस पर भी उत्तराखण्डी समाज की उपेक्षा क्यों? उत्तराखण्ड सरकार की उदासीनता से उपेक्षित है दिल्ली के 30 लाख उत्तराखण्डी हिमाचल, केरल व आंध्र प्रदेश की तरह दिल्ली में अपने समाज को नहीं जोड़ पायी उत्तराखण्डी सरकार दिल्ली में 14 नवम्बर से लगे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के भव्य आयोजन में जहां उत्तराखण्ड भागीदार राज्य है। इस मेले में प्रत्येक राज्य अपना दिवस मनाता है। 24 नवम्बर को इस मेले में उत्तराखण्ड दिवस मनाया जायेगा। परन्तु दिल्ली में रहने वाला उत्तराखण्ड के 30 लाख से अधिक उत्तराखण्डियों को इसकी भनक तक नहीं है। 12 सालों से मैं इस समारोह में अधिकांश भाग लेता हॅू परन्तु मैने जिस प्रकार से प्रदेश के लाखों रूपये झोंक कर यहां पर उत्तराखण्ड दिवस व उसमें सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता है, उसमें खाना पूर्ति की भीड़ को देख कर अगर इनके अधिकारी व नेता कभी दिल्ली के उत्तराखण्डी बाहुल्य क्षेत्रों में आयोजित सांस्कृतिक समारोह की तरफ देखते तो उनको खुद अपने इस कृत्य पर शर्म आती। इस समारोह के पास ऐसे लोगों को दिये जाते है या तो व...
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सत्तांध कांग्रेसी मठाधीशों को लोकशाही का पाठ पढ़ाने वाली सांसद राजलक्ष्मी शाह ने ली शपथ नई दिल्ली (प्याउ)। विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश का उपहास उडा कर जिस शर्मनाक थोपशाही से कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखण्ड के सत्तारूढ़ विधायकों की इच्छा के खिलाफ विजय बहुगुणा को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में थोपा। उस कांग्रेसी थोपशाही के प्रतीक मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को लोकशाही का पाठ टिहरी लोकसभाई उपचुनाव में सिखाने वाली उत्तराखण्ड की स्वाभिमानी टिहरी संसदीय क्षेत्र की जनता ने उनके द्वारा रिक्त की गयी संसदीय सीट टिहरी में हुए उप चुनाव में ऐसा सबक सिखाया कि जिसकी गूंज दिल्ली में बेठे कांग्रेसी मठाधीशों को भी सुनाई दी। मुख्यमंत्री की कुर्सी पा कर लोकशाही का अपमान करते हुए जिस प्रकार कांग्रेस ने टिहरी संसदीय सीट पर विजय बहुगुणा की अंध पुत्रमोह का समर्थन करके टिहरी से उनके बेटे को पार्टी का प्रत्याशी बनाया ‘उसे देख कर जनता में संदेश गया कि कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व को न तो लोकशाही का लेशमात्र भी सम्मान करती है, व नहीं उसे जनता के हितों की कोई चिंता है। कांग्रेस की यह धृष्ठत...
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ममता के अविश्वास प्रस्ताव दाव से सरकार ही नहीं विपक्ष भी हुआ बेनकाब खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश यानी एफडीआई के विरोध में भले ही ममता बनर्जी की तूणमूल कांग्रेस पार्टी मनमोहन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने में असफल रही हो हो परन्त ु वह देश की जनता के सामने न केवल कांग्रेस नेतृत्व वाली मनमोहन को ही अपितु भाजपा, कम्यूनिस्ट सहित सपा व बसपा का सत्तालोलुपु व अवसरवादी चेहरा पूरी तरह से बेनकाब करने में सफल रही । ममता बनर्जी ने पूरे देश को दिखा दिया कि भले ही उसके पास संसद में 19 सांसद हैं उसके 19 सांसदों ने देश के हितों को बचाने के लिए वह काम किया जिसे न तो सत्तारूढ़ सप्रंग ही कर पायी व नहीं भाजपा नेतृत्व वाले राजग गठबंधन ही कर पाया। सपा व बसपा की विसात ही क्या ? ममता बनर्जी ने आज अपने 19 सांसदों के दम पर आज सांसदों को भले ही लोकसभा अध्यक्ष ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, 55 सांसदों के समर्थन की लक्ष्मण रेखा की संवैधानिक बाध्यता के कारण सफल न हो पायी हो परन्तु वह देश की जनता में एक संदेश देने में सफल रही कि देश हितों के लिए जहां ममता बनर्जी केन्द्र की सरकार ...
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मुम्बई हमलों के दोषी कसाब को दी गयी फांसी मुम्बई हमलों से वर्षो पहले हुए संसद हमले के दोषी को सजा देने में आज भी नपुंसक बनी हुई है सरकार ,मुम्बई(प्याउ)। मुम्बई हमलों की बसरी से पहले ही सरकार ने मुंबई हमलों के गुनहगार 25 वर्षीय पाकिस्त ानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को बेहद गोपनिय ढ़ग से 21 नवम्बर की प्रातः 7.30 बजे पुणे की यरवडा जेल में फांसी दे दी गई है। जहां इस फांसी की सजा से देशवासियों ने चेन की सांस ली वहीं लोग इस बाद से भी हैरान है कि मुम्बई हमले से कई साल पहले से संसद पर हमले के गुनाहगार गुरू को फांसी की सजा देने में नपुंसक क्यों बन रही है।? इस फांसी की सजा दिये जाने के बाद लोगों के जेहन में एक सवाल है कि सरकार ने यकायक जो तेजी मुम्बई हमले के दोषी को फांसी की सजा देने में दिखाई वह इस काण्ड से बडे गंभीर व बहुत पहले घटित हो गये संसद हमले के गुनाहगार गुरू को सजा देने में क्यों नहीं दिखाई? हालांकि संसद देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्थान है। देश के स्वाभिमान का सर्वोच्च प्रतीक है। उसके आतंकी को एक दशक से अधिक समय से सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी की सजा दे रखी है? इसके बाबजूद राष्ट...
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बिना तख्त व ताज के लाखों लोगों के दिलों में राज करने वाले बाला साहब ठाकरे को सलाम महाराजा छत्रपति शिवाजी की तरह करोड़ों लोगों ंके हृदय सम्राट अमर रहेंगे बाला साहब ठाकरे राष्ट्रीय स्वाभिमान व मराठा गौरव के अमर महानायक छत्रपति शिवाजी की तरह ही करोड़ों लोगों के दिलों में राज करने वाले शिवसेना के प्रमुख बाला साहिब ठाकरे के निधन पर न केवल महाराष्ट्र अपितु देश विदेश में रहने वाले भारतीय संस्कृति के लिए समर्पित लोग शोकाकुल है। 1926 में पुणे में जन्मे 86 वर्षीय महानायक बाला साहब ठाकरे का निधन 17 नवम्बर को 2012 को दोपहर 3.03 बजे हुआ। उनके पार्थिक शरीर को सांय पांच बजे तक आम जनता के दर्शन के लिए शिवाजी पार्क में रखा गया। दिवंगत बाला साहब ठाकरे का अंतिम संस्कार सायं 6 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन किया गया। महाराष्ट्र पुलिस की विशेष टुकड़ी ने गार्ड आफ आॅनर देते हुए उनको अंतिम सलामी दी और मातमी धुन बजा कर अपने महानायक को चिर विदाई दी। बाला साहब ठाकरे की चिता को मुखाग्नि उनके बेटे उद्वव ठाकरे ने दी। इस अवसर पर उनके बेटे उद्वव ठाकरे, पोते आदित...
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डेंगू से पूर्व पार्षद हरीश अवस्थी की धर्मपत्नी श्रीमती रमा अवस्थी का निधन उत्तराखण्ड मूल के दिल्ली के पूर्व पार्षद हरीश अवस्थी की धर्मपत्नी श्रीमती रमा अवस्थी का डैंगू की बीमारी के चपेट में आकर युवा अवस्था में ही आकस्मिक निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार 17 नवम्बर को 12.30 बजे यमुना तट पर निगमबोध घाट पर किया गया। निगम बोध घाट में दिवंगत श्रीमती रमा अवस्थी को अंतिम विदाई देने के लिए उनके पति हरीश हवस्थी, उनके पुत्र, ससुर व परिजन के अलावा सेकडों की संख्या में हरीश अवस्थी के मित्र व शुभचिंतक सम्मलित थे। निगम बोध घाट में शोकसंतप्त पूर्व पार्षद हरीश अवस्थी ने बताया कि उनकी धर्मपत्नी खतरनाक डैंगू की चपेट में आ कर दो दिन में ही स्वर्गवास हो गयी। उनको निजी अस्पताल में भर्ती भी कराया गया परन्तु बहुत तेजी से इस बीमारी ने उनको संभलने का मौका भी नहीं दिया। श्री अवस्थी ने कहा कि उनके राजनैतिक व सामाजिक जीवन में गृहस्थ का पूरा आधार ही उनकी धर्मपत्नी रही। राजनैतिक व सामाजिक जीवन में जनहितों के लिए कई बार कई दिनों के लिए जेल यात्राओं व आंदोलन के तहत घर से बाहर रहते थे परन्तु उनकी धर्मपत्नी ने न क...
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राहुली चक्रव्यूह का कैसे मुकाबला करेगी अपनों के ही चक्रव्यूह में फंसी भाजपा एक तरफ देश की प्रमुख विपक्षी दल भाजपा न तो अभी अपने प्रधानमंत्री पद के दावेदार का नाम ही सार्वजनिक कर पा रही है वह नहीं वह पार्टी अध्यक्ष की कमान किसके हाथों में रहेगी इसकी भी घोषणा नहीं कर पा रही है। भाजपा की राह में इस बार सबसे बडा अवरोधक भ्रष्टाचार व मंहगाई आदि से जनता की नजरों में बेनकाब हो चूकी सत्तारूढ़ कांग्रेस नहीं अपितु अतिमहत्वाकांक्षी, सत्तालोलुपु, आत्मघाति नेता ही है। जो मैं बनूंगा प्रधानमंत्री तू नहीं के द्वंद में चुपचाप अपने ही दल के नेताओं के गुप्त कारनामों को बेनकाब करके भाजपा की जगहंसाई करा रहे है। इसी कारण आज विवादों में घिरे गडकरी को फिर से अध्यक्ष के पद पर चाहते हुए भी संघ ताजपोशी कर पा रही है और नहीं आम कार्यकत्र्ताओं एंव आम जनता में प्रधानमंत्री के सबसे पसंदीदा उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नाम का ऐलान भाजपा भावी प्रधानमंत्री के रूप में ही कर पा रही है। कांग्रेस को पटकनी देने के लिए आज देश में कोई ऐसा मजबूत सांझा विपक्ष भी नहीं दिखाई दे रहा है। कुल मिला कर एक भाजपा वह भी आपसी...
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शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बंद संसार भर के करोड़ों सनातन धर्मियों के लिए अथाह श्रद्धा का केन्द्र भगवान केदारनाथ धाम का कपाट शीतकाल के लिए 15 नवम्बर को पूरी पंरपरा के साथ बंद कर दिया गया। अनादिकाल से शीतकाल में उत्तराखण्ड के इस हिमालयी श्रंृखला में बसे हिन्दुओं के चार सर्वोच्च धामों में प्रमुख श्रीबदरी केदारनाथ के नाम से विश्व विख्यात धाम साल में शीतकाल के छह माह यहां पर पडने वाली भारी वर्फवारी के कारण आम श्रद्धालुओं के लिए बद रहते है। भगवान विष्णु व भगवान शिव के परम दिव्य धाम श्री बदरी नाथ धाम व श्री केदारनाथ धाम के कपाटें ग्रीष्म कालीन के दौरान आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते है। इसी परंपरा के अनुसार सर्दी शुरू होते ही शास्त्र सम्मत दिनवार के अनुसार भगवान बदरीनाथ व केदारनाथ के साथ साथ गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट भी बंद कर दिये जाते है। छह माह इन धामों में रौनक रहने वाले स्थानों में कपाट बंद होते ही सन्नाटा पसर जाता है। इसी क्रम में 15 नवम्बर बृहस्पतिवार को भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए पूरे विधि विधान के साथ बंद कर दिये। इस अवसर पर देश विदेश के स...
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भारत रत्न गोविन्द बल्लभ पंत के सुपुत्र के सी पंत का निधन उप्र के प्रथम मुख्यमंत्री व देश के गृहमंत्री रहे भारत रत्न गोविन्द बल्लभ पंत के वयोवृ0 पुत्र व देश के योजना आयोग के उपाध्यक्ष के साथ साथ कबीना मंत्री रहे कृष्णचंद पंत का निधन 15 नवम् बर को दिल्ली में हुआ। कांग्रेसी नेता के रूप में जीवन शुरू करने वाले बेहद शांत व साफ छवि के दिग्गज नेता कृष्णचंद पंत, नेहरू परिवार के बेहद करीबी पंत परिवार से होने के बाबजूद नैनीताल संसदीय सीट पर अन्य कांग्रेसी दिग्गज नेता नारायणदत्त तिवारी के समक्ष वे कांग्रेसी राजनीति में अपने आप को असहज महसूस करते। इसी कारण वे अपने मजबूत घर कांग्रेस को छोड कर भाजपा में सम्मलित हुए। भाजपा से उनकी धर्मपत्नी भी नैनीताल से सांसद रही। राजग शासनकाल में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में दिवंगत कृष्णचंद पंत योजना आयोग के उपाध्यक्ष के महत्वपूर्ण पद पर भी आसीन रहे। हालांकि अन्य दिग्गज नेताओं की तरह उन्होंने अपने मूल प्रदेश उत्तराखण्ड के लिए कोई उल्लेखनीय कार्य भले न किया हो परन्तु अपनी साफ छवि व शांत प्रवृति के कारण आज वे देश की राजनीति में गरीमामय स्थान ब...
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डूबते हुए जहाज कांग्रेस की कमान राहुल को सोंप कर क्यों जश्न मना रहे हैं कांग्रेसी मठाधीश राहुल की राह रोकने के साथ साथ जनादेश का अपमान कर रहे हैं आत्मघाती कांग्रेस मठाधीश कांग्रेसी राहुल गांधी को 2014 के आम चुनाव की कमान देने को ऐसे प्रचार कर रहे हैं कि मानों उन्होंने राहुल के राजतिलक की पूरी तैयारी कर दी है। हकीकत यह है कि गांधी नेहरू परिवार की बची खुची साख की बदोलत हासिल जनादेश का घोर अपमान मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व वाली सरकार में करके देश के साथ साथ देश की आम जनता का जीना ही दुश्वार कर रखा है। ऐसे में जब जनता का कांग्रेस से पूरी तरह से मोह भंग हो गया और कांग्रेस पार्टी एक डुबता हुआ जहाज बन गयी है, उसकी पतवार को राहुल गांधी के हाथों में सौंपने का एक ही अर्थ होता है कि राहुल के भविष्य पर भी ग्रहण लगाना। आज जो जरा सी भी कांग्रेस की राजनीति को करीब से जानता है उसे मालुम है कि आज भी कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के ही पास है। परन्तु राहुल गांधी इतना असहाय कांग्रेसी मठाधीशों जो उनके साथ 2014 के उस तथाकथित समन्वय समिति में भी प्रमुखता से सदस्य हैं ने बना रखा है कि उनको दे...
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खुद के भ्रष्टाचारों को बेनकाब होने से आक्रोशित सरकार, भानिमप(केग) के पर कतरने को तैयार 4 जी स्पेक्ट्रम के सबसे बडे रहस्यमय सौदे पर विपक्ष, कैग, अण्णा, केजरीवाल आदि मूक क्यों 2 जी स्पेक्ट्रम की बेहद कम नीलामी होना कहीं केग को झूठा ठहराने का षडयंत्र तो नहीं? एक तरफ सरकार घोटालों से बदरंग हुए धृर्णित चेहरे को छुपाने के लिए केग के पर कतरने के लिए तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ 2 जी स्पेक्ट्रम से कई गुना बडे 4 जी का हुआ रहस्यमय सौदे पर कहीं शौर नहीं? विपक्ष मूक, कैग मूक, केजरीवाल या अण्णा आदि सब मूक? आखिर क्या रहस्य है। यह पूरा सौदा किसी और ने नहीं अपितु केवल मुकेश अम्बानी ने ही लिया। बताया जा रहा है कि इसकी बोली लगाने में देश की कोई अन्य संचार निजी कम्पनियों मैदान में आयी नहीं। आज यही सबसे बडा सवाल यह है कि 2 जी पर तो शोर मच रहा है। पर 4 जी पर हुए रहस्यमय सौदे पर सभी मौन क्यों? क्या किसी अन्य द्वारा बोली न लगाया जाना भी एक षडयंत्र है? जिस प्रकार से 2जी स्पेक्ट्रम की सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर हुई नीलामी में टेलीकाॅम कम्पनियों ने जो उदा...
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चीन में सत्ता परिवर्तन को देख कर हैरान है विश्व जनमानस जी जिनपिंग होगे चीन के नये राष्ट्रपति अपनी सामरिक महाशक्ति व अर्थशक्ति से पूरे विश्व पर अप ना शिकंजा कसने की दिशा में बढ़ रहे चीन आज विश्व की वर्तमान एकमात्र स्वयंभू थानेदार बने अमेरिक ा के बर्चस्व को चुनौती दे रहा है वहीं वह अपने देश में हो रहे सत्ता के शीर्ष नेतृत्व परिवर्तन को अंतिम रूप दे रहा है। यह कितनी शालिनता व व्यवस्थित ढ़ग से हो रहा है इसको देख कर पूरा विश्व अचम्भित है। विश्व की महाशक्ति बन चूके चीन की सत्ता में महत्वपूर्ण बदलाव पर पूरे विश्व की नजरें लगी है। लोग हैरान है कि कैसे सत्ता में बैठा ताकतवर नेता अपने 10 साल तक देश के भावी नेतृत्व के लिए किस उत्साह से कुर्सी खाली कर रहा है । यहां व्यक्ति नहीं अपितु राष्ट्र महत्वपूर्ण है। दस साल तक अब जी जिनपिंग चीन के नए राष्ट्रपति होने के साथ साथ चीन की सर्वशक्तिामन कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव होंगे, । जी निजपिंग के नेतृत्व वाली सरकार के प्रधानमंत्री ली कीकियांग होंगे। ये दोनों हू जिन्ताओ और वेन जियबाओ की जगह लेंगे। चीन के वर्तमान राष्ट्रपति जिन्ताओं के नेतृत्व में चीन ने...
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शराब के अन्तर राज्य तस्करों के शिकंजे में जकडा देवभूमि उत्तराखण्ड शराब से तबाह समाज की रक्षा के लिए आगे आयें महिला और बुद्धिजीवी शराब को सरेआम चुनाव में बांटने वाले नेता, शादी व्याह आदि कार्यक्रमों में शराब परोसने वाले है समाज के दुश्मन देवभूमि के रूप में विख्यात उत्तराखण्ड में शराब की बढ़ती खपत को देख कर अन्तरराज्य गिराहो का भी मकड़ जाल दिन प्रति दिन और मजबूत हो रहा है। यहां पर घोर सत्तालोलुपु राजनेताओं, भ्रष्ट नोकरशाहों के चलते पावन उत्तराखण्ड आज शराब के तस्करों की ऐशगाह बन चूका है। अधिकांश स्थानों पर शराब माफियाओं से नेताओं व पुलिस प्रशासन की मिली भगत से शराब के ठेकों का जाल पूरी तरह से फेल गया है। उत्तराखण्ड में ऐसी स्थिति हो गयी है कि यहां पर शराब माफिया ही यहां पर आबकारी नीति का ही नहीं प्रदेश के संसाधनों पर काबिज होने के ताकत रखने के साथ साथ सरकारों को बनाने व बिगाडने वाले बन गये है। कुछ ही दिन पहले देहरादून पुलिस ने इस सप्ताह पुलिस अन्तर राज्य शराब तस्करों के गिरोह को दबोचा। इनसे 200 पेटियों में शराब की 2400 बोतलें बरामद की गयी हैं। तस्कर उसे दीपावली के अवसर पर ...
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कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा व देशभक्त जांबाज देशभक्तों की उपेक्षा कर रही है सरकार 21 साल से आतंकियों का सफाया करने में पुलिस व सेना का साथ देने वाले राष्ट्रभक्त नजीर अहमद लोन व साथियों की उपेक्षा क्यो? ‘भारत सहित किसी भी देश के लिए इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि एक तरफ सरकार, देश को तबाह करने वाले देशद्रोही कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को तो सुरक्षा प्रदान कर रही है परन्तु वहीं दूसरी तरफ देश के अमन शांति पर ग्रहण लगाने वाले आतंकवादियों से देश सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान को हथेली में रखने वाले देश भक्त एसपीओं को न तो पर्याप्त सुरक्षा ही प्रदान कर पा रही है व नहीं उनको अपने परिवार का सम्मानजनक ढ़ग से गुजरबसर कर सकने वाला ही रोजगार दे पा रही है। भाईजान मैंने व मेरे साथियों ने कश्मीर से आतंक का सफाया के लिए अपने व अपने परिवार की सुरक्षा की परवाह न करते हुए पुलिस व सेना के साथ मिल कर दो दशक से अधिक समय से समर्पित हो कर देश की रक्षा का काम किया। परन्तु अपनी व अपने 100 साथियों को पर्याप्त सुरक्षा व रोजगार देने की मांग को लेकर पर न तो जम्मू कश्मीर...
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गैरसेंण में विधानसभा भवन बनाने की पहल को गैरसेंण राजधानी बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम मानते हैं नरेन्द्र सिंह नेगी उत्तराखण्डी अखबार, गीतों की कैसेट व साहित्य को बढावा देने की जरूरत उत्तराखण्ड के अग्रणी कालजयी लोक गायक नरेन्द्रसिंह ने गी ने उत्तराखण्ड प्रदेश सरकार द्वारा 3 नवम्बर को गैरसेंण में मंत्रीमण्डल बैठक के बाद किये ‘गैरसेंण में मकर संक्रांति 2013 को विधानसभा भवन का शिलान्यास करने व विधानसभा का एक सत्र गैरसेंण में कराने के निर्णय को प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसेंण में बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानते हुए इसका पुरजोर स्वागत किया। प्रदेश की संस्कृति, हक हकूकों व जनभावनाओं को अपना स्वर दे कर आम जनमानस के दिलों में राज करने वाले महान गायक नरेन्द्रसिंह नेगी ने अपने विचार उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के अग्रणी संगठन ‘उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष व प्यारा उत्तराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत, उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के पूर्व महासचिव दाताराम चमोली, आर्चिटेक्ट ब्रह्मा छिमवाल व संजय नौडियाल, एबीपी समाचार चैनल के पत्रकार मनु पंवार, नरेन्द्रसिंह नेगी के उभर...