-बांधों व जलविद्युत परियोजनाओं के बजाय भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) बनी बरदान - भूकम्प व बांधों से बचाव कर कर ऊर्जा की जरूरतें पूरा करने वाले भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant ) उत्तराखण्ड में स्थापित करं मुख्यमंत्री बहुगुणा पूरे विश्व में भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) से पृथ्वी को भूकम्प व बडे बांधों की त्रासदी से बचाया जा सकता है इसके साथ भारी मात्रा में बिजली पैदा की जा सकती है। इस समय विश्व में अमेरिका, इटली, जापान, इंडोनेशिया, फिलिस्तीन सहित अनैक देशों में भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant ) से जहां बिजली का उत्पादन किया जा रहा है वहीं भूकम्प व ज्वालामुखी के खतरे को काफी कम कर दिया है। भारत में भूकम्प की दृष्टि से सबसे संवेदनशील उत्तराखण्ड सहित हिमालयी राज्यों में जहां बडे बांध व जल विद्युत परियोजना से यहां के पर्यावरण व लोगों के विस्थापन का बडा खतरा हर पल मंडरा रहा है, अगर इन राज्यों की सरकारें अपने निहित स्वार्थ से उपर उठ कर जन व प्रदेश के हित में जरा सा भी संवेदनशील हों तो वे यहां पर बड़ी संख्या में भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) लगा कर यहां
Popular posts from this blog
उत्तराखण्ड सरकार के मैदानी क्षेत्रों के मोह में पटरी से उतर चूके सीमान्त जनपदों व गैरसैंण में खुले केन्द्रीय आदर्श महाविद्यालय उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र के अनुरोध प र केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार जनपद में 2 आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना के लिये स्वीकृति नई दिल्ली (प्याउ)। जहां इन दिनों उत्तराखण्ड की जनता राज्य गठन की जनांकांक्षाओं, शहीदों व आंदोलनकारियों को साकार करने के लिए प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने के लिए सड़कों पर आदंोलनरत हैं वहीं प्रदेश सरकार जनभावनाओं का सम्मान करने के बजाय अपने पंचतारा मोह में अंधी हो कर मैंदानी जनपदों में ही केन्द्रीय आदर्श महाविद्यालयों को खुलवा कर जनता के जख्मों में नमक छिडकने का काम कर रही है। इसका नजारा 17 जनवरी को तब उजागर हुआ जब इस सीमान्त प्रांत उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र के अनुरोध पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार जनपद में 02 आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना के लिये स्वीकृति प्रदान की। 17 जनवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल
-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा
-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने/ -राव, मुलायम, तिवारी, वाजपेयी, खंडूडी व निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा/ भगवान बदरीनाथ ने फिर एक बार देवभूमि उत्तराखण्ड की पावनता की रक्षा की। मैने कई बार यहां के अपनी सत्तालोलुपता में अंधे हो कर देवभूमि के हितों का गला घोंटने वाले सत्तांधों को समझाया ही नहीं प्यारा उत्तराखण्ड में भी प्रमुखता से सम्पादकीय में प्रकाशित भी किया था कि वे भगवान बदरीनाथ को अंधा न समझें। अपने नापाक कृत्यों के कारण उत्तराखण्ड विरोधी रहे राव, मुलायम, वाजपेयी, तिवारी, खंडूडी ंके बाद ंअब निशंक को भी महाकाल ने ऐसा ंसबक सिखाया की उनको दिन में तारे नजर आये। मैं भगवान श्रीबदरीन केदार, भगवान ंनरसिंह, भगवान सदाशिव, जगत जननी माॅं भवानी, महा काल भैरव, सहित उत्तराखण्ड के कण कण में विराजमान सिद्व-मुनियों, ग्वेल देवता, बजरंगबली हनुमान ंसहित 33 करोड़ ंदेवी देवंताओं को नमन् करता हॅू कि जो काम यहा की व्यवस्था नहीं कर पायी वो इन जनविरोधी ंतत्वों को समय समय पर दण्डित करके आप लोगों ने ंदेवभूमि के निवासियों को जहां उबारां ंवहीं गंगा यमुना की ंपावन अवतरण स्थली उत्तरा
Comments
Post a Comment