चीन में सत्ता परिवर्तन को देख कर हैरान है विश्व जनमानस

जी जिनपिंग होगे चीन के नये राष्ट्रपति
अपनी सामरिक महाशक्ति व अर्थशक्ति से पूरे विश्व पर अपना शिकंजा कसने की दिशा में बढ़ रहे चीन आज विश्व की वर्तमान एकमात्र स्वयंभू थानेदार बने अमेरिक
ा के बर्चस्व को चुनौती दे रहा है वहीं वह अपने देश में हो रहे सत्ता के शीर्ष नेतृत्व परिवर्तन को अंतिम रूप दे रहा है। यह कितनी शालिनता व व्यवस्थित ढ़ग से हो रहा है इसको देख कर पूरा विश्व अचम्भित है। विश्व की महाशक्ति बन चूके चीन की सत्ता में महत्वपूर्ण बदलाव पर पूरे विश्व की नजरें लगी है। लोग हैरान है कि कैसे सत्ता में बैठा ताकतवर नेता अपने 10 साल तक देश के भावी नेतृत्व के लिए किस उत्साह से कुर्सी खाली कर रहा है । यहां व्यक्ति नहीं अपितु राष्ट्र महत्वपूर्ण है। दस साल तक अब जी जिनपिंग चीन के नए राष्ट्रपति होने के साथ साथ चीन की सर्वशक्तिामन कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव होंगे, । जी निजपिंग के नेतृत्व वाली सरकार के प्रधानमंत्री ली कीकियांग होंगे। ये दोनों हू जिन्ताओ और वेन जियबाओ की जगह लेंगे। चीन के वर्तमान राष्ट्रपति जिन्ताओं के नेतृत्व में चीन ने न केवल विश्व को अपनी सामरिक शक्ति को लोहा मनाया अपितु उसने अपनी अर्थशक्ति के आगे पूरे विश्व के बजारों पर एक प्रकार का कब्जा भी कर लिया। हालांकि भावी राष्ट्रपति जी के पिता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री ली के पिता मध्यम स्तर लेवल के सरकारी अधिकारी थे। दोनों ही 60 वर्ष के करीब के उम्र के है। दोनों को 5 साल पहले ही कम्युनिष्ट पार्टी की पोलित व्यूरों में स्थान दिया गया था। चीन के नये नेतृत्व के समक्ष जहां विश्व में चीन के बर्चस्व को बचाने का दायित्व होगा वहीं चीन की अर्थव्यवस्था को जमीदोज करने में लग चूके भ्रष्टाचारी ग्रहण पर अंकुश लगाना ही मुख्य चुनौती होगा।

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