भारत सरकार की कायरता से पाक ने की भारतीय सपूत सरबजीत की हत्या


भारत सरकार की कायरता व कर्तव्यविमुखता के कारण 2 मई की तडके 1 बजे पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल में भारत के एक सपूत सरबजीत सिंह ने दम तोड़ दिया। गौरतलब है कि पाकिस्तान में मौत की सजा पाए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत लाहौर की कोट लखपत जेल में उन पर हुए पाकिस्तान की सरकार द्वारा कराये गये प्राणाघात हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए के कारण हुई। इस काण्ड में खुद को पाक साफ दिखाने व भारत की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तान ने उनके शव को ं जिन्ना अस्पताल में इलाज कराने के नाम पर दाखिल कराया। जब भारत से सरबजीत सिंह की बहन व उनकी बेटियां अस्पताल पंहुची तो उनको भी सरबजीत के कमरे में नहीं जाने दिया गया केवल खिडकियों से उनके शव को देखने दिया। हालांकि पाक सरकार ने उनकी मौत को छुपाये रखा और कहा कि वह गंभीर रूप से घायल हैं्र और उनका इलाज चल रहा है। परन्तु परस्थितियां साफ गवाही दे रही थी कि सरबजीत की मौत हमले  के बाद ही हो गयी थी। भारतीय होने व कटटरपंथियों के निशाने पर रहने के बाबजूद पाकिस्तान सरकार ने उनकी जेल में कोई सुरक्षा नहीं की थी, यह उन पर हुए हमले से उजागर हो गया। बिना पाकिस्तानी सरकार के शह के इस प्रकार के खतरों से घिरे केदी पर हमला नहीं कर सकता है। जबकि सरबजीत ने अपनी सुरक्षा की पहले ही गुहार लगा चूके थे। इसके बाबजूद इस प्रकार का हमला पाकिस्तान की संलिप्ता को ही उजागर करती है। अगर भारत सरकार समय पर कठोर कदम उठाती तो सरबजीत कबके रिहा हो जाता और अन्य पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीय सपूत भी रिहा हो जाते। लेकिन भारतीय हुक्मरानों को दलगत स्वार्थो व भ्रष्टाचार करने से फुर्सत है ही कंहा जो वे देश हित के बारे में सौचें।

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