भाजपा के मुगेरीलालों के दवाब में मोदी की ताजपोशी का ऐलान नहीं कर पा रही है भाजपा


 मोदी सहयोगियों को मिली प्रदेशों की कमान 

अमित शाह को उत्तर प्रदेश व रूड़ी को महाराष्ठ, वरूण को बंगाल व राधा मोहन को बनाया उत्तराखण्ड का प्रभारी 


नई दिल्ली(प्याउ)। प्रधानमंत्री बनने के हसीन सपने संयोजये भाजपा के कई मुगेरी लालों के कारण भाजपा कार्यकत्र्ताओं व देश की अवाम की पहली पसंद नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का दावेदार घोषित करने  का साहस तक नहीं जुटा पा रही है। वहीं दूसरी तरफ वर्तमान हालत में देश की जनता किसी भी कीमत पर कांग्रेस के कुशासन को सहने के लिए तैयार नहीं है। इसका खुलाशा इसी सप्ताह जारी हुए पूर्व चुनावी सर्वेक्षण में किये जा रहे है। परन्तु भाजपा जनता की भावनाओं को और मजबूती देते हुए नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का दावेदार घोषित नहीं कर पा रही है। सुत्रों के अनुसार मोदी का जो विरोध नीतीश व शिवसेना द्वारा किया जा रहा है उसके पीछे भी भाजपा के मुगेरीलालों का ही हाथ है। इन मुगेरीलालों कों संघ व भाजपा का एक संकीर्ण व प्रभावी तबका हवा दे रहा है।
वहीं रविवार 19 मई को भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का परचम फेहराने के लिए मोदी के करीबियों को महत्वपूर्ण राज्यों को प्रभार दे दिया हे। इसके तहत मोदी के करीबी अमित शाह को उत्तर प्रदेश जैसे 80 सांसदों वाले बडे राज्य का प्रभारी बनाया गया। हिमाचल प्रदेश में कलराज मिश्र की जगह अब बलबीर पुंज को प्रभारी बनाया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने राज्यों में अपने सेनापतियों की नियुक्ति कर उन्हें प्रमुख राज्यों का प्रभार दिया है। इसमें युवाओं को ज्यादा जिम्मेदारी दी गयी है। इसके तहत प्रताप रूडी को महाराष्ट्र, धर्मेंद्र प्रधान को बिहार,  प्रभात झा आंध्र प्रदेश, अनंत कुमार को मध्य प्रदेश व स्मृति ईरानी को गोवा की प्रभारी नियुक्त किया गया,। वहीं भाजपा के युवा तुर्क माने जाने वाले तेजतरार वरुण गांधी को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है। मध्य प्रदेश में अनंत कुमार, राजस्थान में कप्तान सिंह, छत्तीसगढ़ में जेपी नड्डा ,शांता कुमार को पंजाब का, चंडीगढ़ का प्रभारी आरती मेहरा को प्रभारी बनाया गया है।
जबकि अमित शाह को उप्र के प्रभारी बनाने के साथ-साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत, रामेश्वर चैरसिया व सत्येंद्र कु शवाहा के रूप में तीन सह प्रभारी भी बनाये गये । उत्तराखंड में थावरचंद गहलोत के स्थान पर राधा मोहन सिंह को प्रभारी बनाया गया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड भाजपा को अपने प्रभार के दौरान पतन की गर्त में धकेलने के लिए जाने जाने वाले अनिल जेन को हरियाणा का सह प्रभारी बनाया गया और थावर चन्द यहां का प्रभार जगदीश मुखी को सौंपा गया हे। इस प्रकार भाजपा के मुगेरीलालों की एक रणनीति यह भी है कि जनता को इस बात के लिए धोके में रखा जाय कि मोदी समर्थकों को प्रदेशों का कमान दे कर भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में विजयी होती है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही बनायें जायेंगे। हकीकत यह है कि ये मुगेरीलाल नीतीश व शिवसेना के द्वारा मोदी का विरोध करा कर मोदी की लोकप्रियता को उनके समर्थकों को राज्यों का प्रभार सौंप कर बटोर कर अपने प्रधानमंत्री बनने के सपने को पूरा करना चाहते हैं। इन मुगेरीलालों के इस षडयंत्र को भांप कर जनता व कार्यकत्र्ताओं ने भाजपा नेतृत्व पर चुनाव से पहले ही मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने का भारी दवाब बढा दिया है। कार्यकत्र्ताओं व आम जनता ने यह भी ऐलान कर दिया है कि अगर मोदी को भाजपा प्रधानमंत्री का दावेदार घोषित नहीं करती है तो भाजपा को भी जनता कांग्रेस की तरह सबक सिखायेगी। भाजपा के इन मुगंरी लालों के इन षडयंत्रों से कांग्रेस को फिर से जीवनदान मिल सकता है। परन्तु मुगेरीलालों को क्या, उनको कांग्रेस स्वीकार है पर जन नायक नरेन्द्र मोदी नहीं।

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