भारत को नहीं है जरूरत पवन बंसल जैसे मंत्री व मनमोहन जैसे प्रधानमंत्री की

प्यारा उत्तराखण्ड की विशेष रिपोर्ट-


मनमोहन सिंह सरकार को सीबीआई के दुरप्रयोग के लिए सर्वोच्च न्यायालय से फटकार मिल रही हो, उनके कई मंत्री भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप में सरकार की भद पिटा रहे हो, चीन भारत की सीमा पर बलात कब्जा करता हो, देश की आम जनता मंहगाई से त्रस्त हो और आतंकवाद भारत की एकता व अखण्डता को तबाह करने में लगे हो। देश को शर्मसार करने वाले ऐसे माहौल में भी देश का प्रधानमंत्री घोर पदलोलुपु हो कर कडे कदम उठाने के बजाय न केवल दोषी मंत्रियों का बचाव कर रहे हो अपितु खुद ही घोर पदलोलुप बन कर आंख व मुह बंद कर मोन साधे हो तो यह देश का दुर्भाग्य नहीं तो क्या।
रेलमंत्री के भान्जे सीबीआई द्वारा घुस लेने के आरोप में पकडे गये हो परन्तु गांधी का नाम लेने वाली कांग्रेस ऐसे मंत्री को बर्खास्त करने के बजाय उसका शर्मनाक संरक्षण कर रही हो। सरकारी बैंक काला धन को सफेद करने में लगे हो। सीबीआई जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश व निर्देश पर कोयला घोटाले की जांच कर रही है उसको सही जांच करने देने के बजाय उससे अपनी खाल बचाने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश कराने का निकृष्ठ कार्य जो सरकार करे उसकी देश में एक पल के लिए भी जरूरत नहीं है। अब जब देश की जनता पूरी तरह से मनमोहन सेानिया नेतृत्व वाली सरकार के कुशासन से उब चूकी है तो ऐसे समय में देश को उसका बना रहना एक एक पल भारी पड़ रहा है। देश का विकास ही नहीं संसद भी ठप्प पड़ी हुई है। जिस प्रकार से रेलमंत्री पवन बंसल के परिवार ने इसी पांच साल में जीरो से 152 करोड़ का विशाल व्यापार संस्थान खडा कर दिया है। वह उसके परिवार व भांजा की भ्रष्टाचार की कहानी की उजागर करती है। जिस पवन बसंल को कांग्रेस पाक साफ बता रही है उसी पवन बंसल ने रेल मंत्री बनते ही अपनी हनक दिखाने के लिए चण्डीगढ़ के लिए शताब्दी एक्सप्रेस चला कर जो फिजूलखर्ची कर रखी है उससे उनका चरित्र भी उजागर होता है। आने वाले समय में देश की जनता देश पर बोझ बन चूकी सरकार को उखाड़ फेंकने में एक पल भी चुनाव में नहीं लगायेगी।

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