‘आपको गुरू घण्टाल तो नहीं, गुरू कहूगा ...’ मेजर जनरल खण्डूडी जब मुझको देखते ही बोले 


‘आपको गुरू घण्टाल तो नहीं, गुरू कहूगा..क्या हाल हैं आपके ’ गत रविवार 16 को दोपहर जैसे ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री दिल्ली में शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज के अभिनन्दन समारोह से आशीर्वाद लेने के बाद आश्रम के गेट पर खड़ी अपनी कार में बैठने के लिए कार के दरवाजे पर ही पंहुचे तो वहां पर यकायक मुझे सामने खडे देख कर मुस्कराते हुए दोनों हाथों से मेरे दोनों कंधे पर रखते हुए बरबस बोल पडे। मैने हंसते हुए कहा मैं तो ठीक हूॅ आप बतायें सब कुशल से हें आप और परिवार में सब कुशल से हैं। उन्होंने भी कहा सब ठीक है। उनके साथ उस समय खण्डूडी की तरह साथ रहने वाले उनके सहायक जयवीर सिंह रावत भी साथ थे। शंकराचार्य माधवाश्रम के परम शिष्य श्री वशिष्ट जी सहित कई लोग उनको विदाई देने के लिए हाथ जोड़ कर वहां पर खडे थे। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ट नेता मेजर जनरल भुवनचंद खण्डूडी 16 दिसम्बर को दिल्ली में सिविल लाइन स्थित शंकराचार्य आश्रम में ज्योतिष्पीठ पर शंकराचार्य के पद पर शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज के आसीन होने के 19 वर्ष होने पर आयोजित अभिनन्दन समारोह में शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने हर साल की तरह पंहुचे थे।गौरतलब है उत्तराखण्ड की जनभावनाओं के अनरूप मुख्यमंत्री रहते हुए मै खण्डूडी जी के कार्यो की कटु आलोचना सार्वजनिक मंचों व प्यारा उत्तराखण्ड समाचार पत्र में प्रमुखता से करता रहा हॅू। इस कारण न केवल भुवनचंद खण्डूडी अपितु उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अरूणा खण्डूडी तथा उनके समर्थक भी मेरे से लम्बे समय से तिवारी निशंक, सतपाल महाराज, हरीश रावत, विजय बहुगुणा व कोश्यारी की तरह नाराज है। खंडूडी जी मेरे से मिलने पर पहले प्रायः नजरे इधर उधर फेर देते थे।
 

Comments

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा

नव प्रभात शुभ प्रभात हो