मोदी के गुजरात विजय से कांग्रेस ही नहीं भाजपा नेताओं की भी उड़ी हवाईयां


वीरभद्र की ताजपोशी में विध्न डाल कर आत्म हत्या करने से बाज आये कांग्रेस



20 दिसम्बर को गुजरात व हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2012 के चुनाव परिणाम घोषित होने से साफ हो गया कि नरेन्द्र मोदी जहां आज देश के सर्वोच्च जनप्रिय नेता हैं तो वीरभद्र कांग्रेस के सबसे बडे जनाधार वाले नेता हैं।गुजरात विधानसभा चुनाव में मोदी ने अपने दम पर भाजपा को फिर से सत्तारूढ़ करने में सफल रहे वहीं हिमाचल में पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ बने भारी माहौल के बाबजूद अपने दम पर कांग्रेस को पूरे बहुमत से सत्तासीन करने में वीरभद्र सफल रहे। जिस प्रकार मोदी को प्रधानमंत्री का दावेदार बनाने के लिए भाजपा के आला नेता व संघ-विहिप के कई नेता अवरोधक बने हुए हैं वहीं हिमाचल में वीरभद्र के करिश्माई नेतृत्व के कारण मिली विजय के वाबजूद कांग्रेस के दिल्ली दरवारी उनकी राह में हिमाचल के मुख्यमंत्री बनने की राह में ही कांटे बिछाने में लगे हुए है। केन्द्रीय नेतृत्व के आत्मघाती सलाहकार अगर वीरभद्र के बजाय किसी अन्य को हिमाचल का मुख्यमंत्री बनाते हैं तो यह कांग्रेस की ताबूत का कील ही साबित होगा। वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री ने जीत के बाद 20 दिसम्बर को ही अपनी माता जी व अपने प्रबल विरोधी केशुभाई पटेल से घर जा कर आर्शीवाद लेने के बाद जिस स्पष्टता से सांय 5 बजे धन्यवाद सभा को संबोधित करते हुए गुजरात के 6 करोड़ लोगों को अपनी जीत का हीरो बताया वह उनके आम आदमी से राष्ट्र का महानायक बनने के रहस्य को जगजाहिर करता है।
  गुजरात व हिमाचल विधानसभा  चुनाव 2012 सम्पन्न हुआ गुजरात में 182 सीटों में भाजपा 115 कांग्रेस 61 व 6 अन्य विजयी रहे। हिमाचल में 68 सीटों में भाजपा 26, कांग्रेस 36 व अन्य 6 है। हालांकि अधिकांश चुनावी समीक्षक व पूर्वानुमान था कि गुजरात में फिर से मोदी व हिमाचल में भाजपा की विजय होगी। परन्तु प्याउ में मैने चुनाव से पहले ही यह विचार प्रकट किया था कि गुजरात में जहां नरेन्द्र मोदी की विजय व हिमाचल में वीरभद्र के नेतृत्व में विजयी होने की बात कही थी। परन्तु मेरे भी मन में इस बात की आशंका थी कि हिमाचल में अगर कांग्रेस यह चुनाव में हारती है तो इसका कारण मनमोहन सरकार द्वारा देश के लोगों का जीना हराम करने वाली बेलगाम मंहगाई ही जिम्मेदार मानी जायेगी। गुजरात में 182 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 71.32 फीसदी मतदान हुआ. राज्य में 13 और 17 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव हुए हैं, जिनमें 44 हजार 579 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल हुआ. गुरुवार को राज्य में 33 जगहों पर मतगणना हुई। इस चुनाव परिणाम में पूरे देश की नजरें लगी हुई थी। क्योंकि आम जनता को ही नहीं राजनीति के विशेषज्ञों को भी भरोसा था कि  गुजरात के चुनाव परिणाम देश की भावी राजनीति का निर्धारण करने वाली ताकत रखती है। कुल मिला कर मोदी देश के वर्तमान सभी नेताओं में अधिक स्वीकार्य नेता के रूप में उभर चूके हैं। प्रधानमंत्री के रूप में वे देश की सबसे अधिक जनता के पहली पसंद है अगर तमाम अटकलों व चुनावी सर्वेक्षणों को मात दे कर अगर हिमाचल में कांग्रेस सत्तासीन होती है तो वह देश में कांग्रेस के सबसे जनाधार वाले नेता निर्विवाद साबित होंगे, जिनको कमजोर करने की कोशिश कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में बेठे आका करते है। यही हालत मोदी की है जिनको भाजपा के दिल्ली आका ही कमजोर करने में तुले थे।
हिमाचल में तमाम चुनावी रूझान से साबित हो गया कि चुनाव से पूर्व व बाद में तथाकथित सर्वेक्षणों करने वाले समाचार चैनलों व ऐजेन्सियों की करारी हार हुई। वही प्यारा उत्तराखण्ड शतः प्रतिशतः विगत दो दशक से सच साबित हो रहा है। प्याउ ने इस बार चुनाव घोषणा के साथ भविष्यवाणी की थी कि गुजरात में मोदी व हिमाचल में वीरभद्र के नेतृत्व में विजय मिलेगी।
मोदी की ऐतिहासिक जीत पर नरेन्द्र मोदी की माॅ   हीरा बाॅ ने इस विजय पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि मेरा बेटा पीएम बनेगा और बढ़ता ही जायेगा। मोदी के भाई पंकज मोदी ने भी खुशी जाहिर की।
  गुजरात में विजय की तिकडी बनाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी  5बजे संबोधित किया।  गुजरात में नरेन्द्र मोदी मणिनगर विधानसभा सीट से 86373 मतों से विजयी हो गये है तथा  भाजपा नेता  अमित शाह भी 72 हजार मतों से जीत गये।  गुजरात में कांग्रेस को बडा झटका लगा । कांग्रेसी के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया पोरबंदर विधानसभा सीट से व विधानसभा में प्रतिपक्ष शक्ति ंिसह गोविल भावनगर ग्राम से चुनाव हार गये । वहीं मोदी सरकार के चार मंत्री भी चुनाव हारे। केशुभाई पटेल भी विजयी रहे।
गुजरात चुनाव में मोदी की बम्पर जीत से इस आशंका को भी निराधार साबित कर दिया जो लोग फिल्मी दुनिया के महानायक अमिताभ वच्चन जहां का ब्रांड एम्बेस्डर बनते है वहां सरकार की करारी हार होती है। जिस प्रकार मुलायम सिंह सरकार में उप्र के ब्रांड एम्बेस्डर रहने पर सपा को उप्र की विधानसभा में भी करारी हार मिली थी। अब लोग कायश लगा रहा थे कि इस बार मोदी ने अमिताभ बच्चन को गुजरात का ब्रांड अम्बेस्डर बना रखा था, उससे कई लोग मोदी सरकार के पतन होने से आशंकित थे।
हिमाचल में भावी मुख्यमंत्री व कांग्रेसी नेता वीरभद्र विजय हुए। हमीरपुर सीट से मुख्यमंत्री व भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल जीते।
इस चुनाव में सबसे चैकान्ने वाली बात यह रही कि मुस्लिम समाज ने भी बड़ी संख्या में समर्थन दे कर कांग्रेस की आशाओं पर व दुष्प्रचार पर पानी फेर दिया। गुजरात में  १२ ऐसी सीट पर बीजेपी जीती जहाँ मुस्लिम 70 प्रतिशत तक थे . इसमें से सबसे जोरदार जीत अहमद पटेल के गृह जिले भरूच की वागरा सीट पर हुई है ,, जहाँ आजादी के बाद आज तक सिर्फ कांग्रेस जीतती आई है ,,इस सीट पर ८० प्रतिशत मुस्लिम है .. इस बार यहाँ कांग्रेस के प्रत्यासी इकबाल पटेल जो तीन बार से जीते थे, उनकी बुरी तरह हार हुई .. यहाँ भी बीजेपी जीती।  इस प्रकार मोदी ने न केवल अपने विरोधी दल कांग्रेस के मनसूबों पर पानी फेरा अपितु उन्होंने विधानसभा चुनाव  पूर्ण बहुमत से अपने दल को विजय दिला कर अपने दल के दिग्गज नेताओं की चैहरे की हवाईयां उडा दी है। गुजरात चुनाव विजय ने मोदी को देश के प्रधानमंत्री के भाजपा को प्रमुख दावेदार घोषित करने के लिए भारी दवाब बड़ रहा है। इससे भाजपा के नेता बेहद बेचैन ही नहीं परेशान भी हैं।
गुजरात व हिमाचल की जनता को दोनों प्रदेशों में अपने जननायकों को विजयी बनाने पर हार्दिक बधाई। आशा है जनभावनाओं के अनरूप दोनों नेता अपनी, अपने प्रदेश व देश को सफल नेतृत्व दे कर लोकशाही को मजबूत करेंगे।

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