जमीनी नेताओं को हासिये पर डालने वाले भाजपा नेतृत्व को सिखाया येदियुरप्पा ने करारा सबक
येदियुरप्पा प्रकरण से सहमी भाजपा कर सकती है विधानसभा भंग
भाजपा के अपने अपने राज्यों में उमा भारती, मदनलाल खुराना, कल्याणसिंह व गोविन्दाचार्य जैसे दिग्गज जनाधार वाले नेताओं को एक एक कर हासिये में डाल कर वहां पर अपने प्यादों को आसीन करके देश का एकक्षत्र नेता बनने की भाजपा नेतृत्व व उसकी चैकड़ी को कर्नाटक में भाजपा का सत्तासीन करने वाले जमीनी दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने जमीन सुंघा दी। पहली बार दक्षिण भारत के अग्रणी राज्य कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कड़ी मेहनत से भाजपा को सत्तासीन किया था। परन्तु दिल्ली में बेठे दिग्गज मठाधीशों ने उनको भी उमा भारती, कल्याण सिंह व मदनलाल खुराना की तरह हाशिये में डाल कर वहां पर अपने हवाई प्यादे को स्थापित करने की मंशा से बार बार उनकी सरकार को अस्थिर करने की हरकतें की। केन्द्रीय नेतृत्व की मंशा पर भी भाजपा की मातृ संगठन संघ की मूकता से आहत हो कर येदियुरप्पा ने भााजपा को ऐसी पटकनी दे डाली जिससे न केवल प्रदेश भाजपा सरकार के अस्तित्व पर ग्रहण लग गया अपितु दिल्ली में इन्हीं कुटिल षडयंत्रों के दम पर देश में प्रधानमंत्री बनने की भाजपा आला मठाधीशों की हसरत पर एक प्रकार का ग्रहण सा लग गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भाजपा से इस्तीफा दे कर अपनी नयी पार्टी ‘’कर्नाटक जनता पार्टी बना कर एक प्रकार भाजपा में भूकम्प ही ला दिया । जिससे भाजपा नेतृत्व ही नहीं अपितु भाजपा की मातृ संस्था संघ भी भोंचंक्की है। येदियुरप्पा ने अपनी पहली रेली की उसमें सम्मलित भाजपा सरकार के मंत्री, सांसद व कुछ विधायकों पर जब भाजपा ने कार्यवाही की तो येदियुरप्पा ने े अपने समर्थकों पर भाजपा द्वारा कार्यवाही करने से आक्रोशित हो कर भाजपा नेतृत्व व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को पद से इस्तीफा देने एवं विधानसभा भंग करने की चुनौती दी। उन्होंने अपने समर्थक भाजपा विधायकों से अभी तक भाजपा से इस्तीफा न देने का कहा था। कर्नाटक भाजपा की आशाओं पर ग्रहण लगाने वाले येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा के 60 विधायक जब वे कहेंगे उनकी पार्टी में सम्मलित हो जायेंगे। गौरतलब है कि 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 118 सदस्य हैं और कांग्रेस के 71 और जनता दल एस के 26 विधायक हैं। सदन में सात निर्दलीय तथा दो पद रिक्त हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई तक प्रस्तावित हैं।
येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) की घोषणा के अवसर पर आयोजित विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा, मैं शेट्टार को मेरे समर्थक विधायकों एवं मंत्रियों के बिना विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने की चुनौती देता हूं। यदि मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो मेरे समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करें। नहीं तो उन्हें इस्तीफा देकर जल्द चुनाव कराने के लिए विधानसभा भंग कर देनी चाहिए।
येदियुरप्पा ने कहा, शेट्टार एवं ईश्वरप्पा (उपमुख्यमंत्री) को मालूम होना चाहिए कि वे भाजपा एवं केजेपी की गठबंधन सरकार चला रहे हैं क्योंकि उनकी पार्टी के आधे से अधिक विधायक मेरे साथ हैं और नई पार्टी में कभी भी शामिल होने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि केजीपी अगले साल मई में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में सभी 224 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 50-60 विधायक भाजपा छोड़कर उनकी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं। लेकिन मैंने उन्हें ऐसा नहीं करने एवं विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य में राजनीतिक संकट न पैदा करने के लिए कहा है।
यदि भाजपा रैली में भाग लेने वाले विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है तो 225 सदस्यीय विधानसभा में शेट्टार सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
येदियुरप्पा प्रकरण से कर्नाटक भाजपा सरकार के पास समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। येदियुरप्पा प्रकरण पर भले ही दिल्ली में आसीन भाजपा के मठाधीश व संघ नेतृत्व येदियुरप्पा को खलनायक समझ रहा हो परन्तु हकीकत यह है कि भाजपा के दिल्ली मठाधीशों ने अपनी अंधी सत्तालोलुपता व एकक्षत्र राज के लिए भाजपा के जनाधार वाले मदनलाल खुराना, उमा भारती, कल्याण सिंह व गोविन्दाचार्य जैसे जमीनी व समर्पित नेताओं को एक एक कर हाशिये पर डाल कर अपने प्यादों को इन के स्थान पर आसीन किया, जिससे कांग्रेस के इतने कुशासन के बाबजूद भाजपा दिन प्रति दिन जनता की नजरों में हाशिये में चली गयी है। आज भाजपा में आडवाणी जेसे सत्तालोलुपता व सुषमा -जेटली जैसे जनाधार विहिन अवसरवादिता के कारण एक तरफ संघ ने गडकरी जेसे कमजोर नेतृत्व थोपा हुआ है वहीं मोदी जैसे जनप्रिय नेता को देश का नेतृत्व करने से रोकने के लिए तमाम तिकडम किये जा रहे है। इस तमाम प्रकरणों पर भाजपा में जब समर्पित व जनाधार वााले नेताओं को हाशिये में डालने का कार्य करे तो सभी नेता भगतसिंह कोश्यारी व मोहनसिंह ग्रामवासी की तरह चुपचाप नहीं सहते कोई येदियुरप्पा बन कर ऐसे मठाधीशों का जमीन सुंघाने वाला भी निकलता है।
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