तेलगांना पर कांग्रेसी विश्वसाघात से भडका व्यापक जनांदोलन


देश के 4 दशकों की सभी दलों की सरकारें गुनाहगार, शीघ्र गठित हो तेलंगाना राज्य

नई दिल्ली। छह दशक से पुरानी तेलांगना पृथक राज्य गठन की मांग पर कांग्रेसी विश्वासघात से पूरे तेलंगाना  में प्रचण्ड आंदोलन भडक गया है। तेलंगाना से सम्बंध रखने वाले कांग्रेस के सात सांसदों ने पृथक राज्य के गठन में विलम्ब के विरोध में संसद और पार्टी, दोनों से एक सप्ताह में तेलंगाना गठित न करने पर इस्तीफा देने का निर्णय ले कर कांग्रेस आलाकमान सहम गयी है। वहीं दूसरी तरफ तेलांगना मुद्दे पर भारत सरकार से वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए पी चिंदम्बरम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। रंगारेड्डी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में गृहमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। इसमें मांग की गई है कि पी चिंदबरम ने गृह मंत्री रहते हुए 9 दिसंबर, 2009 को अलग तेलंगाना राज्य को लेकर जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया। ये तेलंगाना के लोगों से धोखाधड़ी है। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।ऐसा नहीं कि केवल यह विश्वासघात कांग्रेस की सरकारों ने ही किया है। यह विश्वासघात देश में चार दशक से अधिक समय तक राज करने वाले तमाम दलों की सरकार ने अपने दलगत हितों के लिए तेलांगना की जनता के विश्वास का गला घोंट कर देश की लोकशाही को कमजोर किया है। देश की सबसे पुरानी मांगों में प्रमुख मांग को सभी सरकारों ने अब तक नजरांदाज किया है। इस आंदोलन में 1000 से अधिक  लोग शहीद हो गये है। पूरा तेलांगना इस मांग के लिए समर्पित है परन्तु सरकारें जनभावनाओं को नजरांदाज कर लोकशाही को कमजोर कर रही है।
 28 जनवरी को गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की दी डेडलाइन के खत्म खत्म होते ही तेलंगाना में बवाल शुरू हो गया है। 28 जनवरी सोमवार को हैदराबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई।
हैदराबाद के इंद्रा पार्क इस वक्त तेलंगाना समर्थकों का गढ़ बना हुआ है। यहां तेलंगाना ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं। टीआरएस यानि तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता कमेटी के साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।
टीआरएस विधायक और नेता हरीश राव के मुताबिक कांग्रेस के तेलंगाना मंत्रियो को इस्तीफा देना चाहिए। हम लाखों लोगों को इकठ्ठा करके नारा देंगे। चलो असेम्बली। कितनी मीटिंग होगी, हम अपना गुस्सा दिखा कर कांग्रेस को सबक सिखाएंगे।आंध्र सरकार की सभी कोशिशों के बावजूद सड़कों पर प्रदर्शन तेज होता जा रहा है।
कांग्रेस के स्थानीय नेता पार्टी के फैसले से बेहद आक्रोाित हैं। लेकिन अलग तेलंगाना की मांग करने वाले केंद्र सरकार के इस रवैए से खफा है। उधर भाजपा ने इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देने का ऐलान किया हालांकि भाजपा ने राजग शासनकाल में उत्तराखण्ड, झारखण्ड व छत्तीसगढ़ राज्य तो बनाया परन्तु उसको भी इतना नैतिक साहस नहीं रहा कि वह सबसे पुरानी राज्य बनाने की तेलंगाना  की मांग पर भी नजर दौडा सके। कुल मिला कर राजनैतिक दलों ने न केवल तेलांगना के साथ अपितु देश की लोकशाही के साथ खिलवाड किया है। इसी कारण आज देश की लोकशाही का इतना शर्मनाक स्थिति हो गयी है। देश की सरकार व राजनेताओं में जरा भी लोकशाही के प्रति सम्मान है तो उन्हें अविलम्ब सर्वसम्मति से तेलंगाना राज्य के गठन करके देश की लोकशाही को मजबूत करना चाहिए।

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