पाक हुक्मरान ही नहीं, भारतीय हुक्मरान भी है कारगिल के गुनाहगार


कारगिल के गुनाहगार केवल पाक के हुक्मरान ही नहीं भारतीय हुक्मरान भी हैं जिन्होंने पहले तो पाक की घुसपेट को नजरांदाज किया, जब भारतीय जांबाज सैनिकों ने अपनी सैकडों शहादत दे कर पाक के नापाक घसेपेटियों को चारों तरफ से से घेर लिया था तो भारतीय हुक्मरानों ने इन भारत के दुश्मनों को अमेरिका के दवाब में आ कर बिना पाक को मजबूर व बेनकाब किये सुरक्षित पाक जाने का रास्ता दे कर भारतीय सैनिकों की शहादत का अपमान किया। भले ही आज पाक के एक कर्नल ने पाक सेना प्रमुख मुशर्रफ सहित पाक हुक्मरानों को खुद ही बेेनकाब किया परन्तु आज भी भारत में पहले नापाक पाक को घुसपेट करने देने व बाद में हमारे सैकडो सेंनिकों की निर्मम हत्या करने के दोषियों को गिरफतार करके पाक को बेनकाब करने के बजाय इन गुनाहगारों को सुरक्षित पाक जाने देने वाले भारतीय हुक्मरानों को कब करेंगे भारतीय बेनकाब? क्या है कारगिल विजय का सत्य-देश के साथ छलावा। दुश्मन हमारे घर में घुसा और उसने हमारे सैकडों जवानों की हत्या की, जब हमारे जांबाज सैनिकों ने चारों तरफ से घेर दिया तो अमेरिका से भारतीय हुक्मरानों पर दवाब डला कर वे नापाक पाक सुरक्षित पाकिस्तान चले गये। इस पर पर्दा डालने के लिए हुक्मरानों ने भारत में मनाया कारगिल विजय ? यह कारगिल विजय थी या देश से हुक्मरानों का विश्वासघात ? पाक के बेनकाब होने के बाबजूद हम भारतीय कब तक कारगिल के गुनाहगारों को बेपर्दा करेंगे? जिस भारतीय जांबाज सेना अधिकारी ने कारगिल में घुसपेट करने की सूचना दी उसको नजरांदाज करने वाले गुनाहगारों को कब करेगा भारत बेनकाब? अगर नापाक पाक की घुसपेट का उसी समय मुहतोड़ जवाब दे दिया जाता तो पाक, भारत की सरजमी पर कब्जा करके सैकडों जांबाज सैनिकों की हत्या नहीं कर पाता।

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