राज्य गठन के प्रखर आंदोलनकारी व प्रसिद्ध रंगकर्मी खुशहाल सिंह बिष्ट हुए सेवानिवृत नई दिल्ली(प्याउ)। उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के प्रमुख संगठन उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष व उत्तराखण्ड रंगमंच के अग्रणी कलाकार खुशहाल सिंह बिष्ट 31 जुलाई 2012 को दिल्ली जल संस्थान की लम्बी सेवा के बाद जेआरओ के पद से सेवानिवृत हुए। इस अवसर पर दिल्ली जल संस्थान के अधिकारियों व कर्मचारियों ने श्री बिष्ट को भावभीनी विदाई दी। सेवानिवृत होने के बाद उनके सहयोगी उनको गाजे बाजों के साथ उनके निवास जल विहार-लाजपत नगर आये। वहां पर श्री बिष्ट ने अपने सहयोगियों, मित्रों, आंदोलनकारी साथियों व रंगमंच के कलाकारों को एक सम्मान भोज का आयोजन किया। इस आयोजन में उत्तराखण्ड रंगमंच व टेली फिल्मों की नायिका कुसुम बिष्ट, मंजू बहुगुणा, लक्ष्मी रावत, व श्रीमती धीमान सहित अनैक कलाकारों तथा उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के अग्रणी संगठन ‘जनता संघर्ष मोर्चा’ के उपाध्यक्ष इंजीनियर रवीन्द्र बत्र्वाल व मोर्चा के कोषाध्यक्ष देशबंधु बिष्ट के साथ श्री बिष्ट जी ने ‘लीला घसियारी...., नौछमी ...
Posts
Showing posts from July, 2012
- Get link
- X
- Other Apps
- नया राजनैतिक दल बना कर नहीं अपितु राजनीति की दिशा बदलने से होगा देश में भ्रष्टाचार का खात्मा -सरकार नहीं जनता करेगी पथभ्रष्ट हो चूकी देश की राजनीति की सफाई -योगेन्द्र यादव से दिखाया टीम अण्णा को दिशा व दशा का जन आईना अण्णा के आंदोलन को गांधी के आंदोलन की तरह नैतिक शक्ति का पूंज बताते हुए देश के अग्रणी सामाजिक व राजनैतिक चिंतक योगेन्द्र यादव ने 31 जुलाई को दो टूक शब्दों में टीम अण्णा को देश की पूरी तरह से पथभ्रष्ट हो चूकी राजनीति का अंग बनने (नया राजनैतिक दल बनाने )से आगाह करते हुए कहा कि देश के मुख्यधारा की 25 राजनैतिक दलों के साथ 26 वां बनने से न तो देश का कोई कल्याण होगा व नहीं देश से भ्रष्टाचार पर ही अंकुश लगेगा। भारतीय राजनीति के प्रख्यात विश्लेषक योगेन्द्र यादव ने कहा कि जिस प्रकार गंदगी से नाला बन चूकी नदी की गंदगी को एक दो बाल्टी पानी डालने या निकालने से साफ नहीं होती है, उसकी सफाई के लिए जिस प्रकार बाढ़ की जरूरत होती है, उसी प्रकार अब भ्रष्टाचार से पथभ्रष्ट हो चूकी भारतीय राजनीति का अब यहां पर 25 स्थापित मुख्य धारा की राजनैतिक दलों में एक बढोतरी करके नहीं अपित...
- Get link
- X
- Other Apps
ओलंपिक में नहीं, भ्रष्टाचार के खेल में रहता भारत विश्व का सरताज लंदन ओलंपिक में चीन आसमान और भारत पाताल? लंदन (प्याउ)। 30 जुलाई को सोमवार का दिन लंदन ओलंपिक में भारत का बड़ी ही मुश्किल से पदक तालिका में खाता खुला। वह भी स्वर्ण पदक से नहीं अपितु कांस्य पदक से। उसी दिन चीन जहां पदक तालिका में अमेरिका को पछाड़ कर सर्वोच्च स्थान पर था वहीं चीन के बाद जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा बड़ा देश भारत जो पूरे विश्व की जनसंख्या का सातवें भाग का प्रतिनिधित्व करता है वह एक कांस्य पदक ले कर खुशियां मनाने के लिए मजबूर था। वह भी पुरूषों की 10 मीटर की एयर राइफल स्पर्धा में भारत के दिग्गज निशानेबाज गगन नारंग ने 700.1 अंक बनाकर यह कांस्य पदक जीता। इस स्पर्धा का स्वर्ण पर रोमानिया के एजी मोल्डोवीनू (702.1) और रजत पदक पर इटली के कैंप्रियानी (701.5) ने कब्जा जमाया। कांस्य पदक विजेता गगन नारंग की उपलब्धी में पूरा देश खुशियां मना रहा है। गगन नारंग भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले तीसरे निशानेबाज हैं। इससे पहले 2004 के एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने रजत और 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ...
- Get link
- X
- Other Apps
चकबंदी से ही होगा उत्तराखण्ड से पलायन सहित तमाम समस्याओं का समाधानःगरीब गोष्ठी में गैरसेंण राजधानी व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा से आहत आंदोलनकारी उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए एक गोष्ठी का आयोजन नई दिल्ली(प्याउ)। उत्तराखण्ड की ज्वलंत समस्याओं पर दिल्लीवासी उत्तराखण्डियों का ध्यान आकृष्ठ करने के लिए उत्तराखण्ड से कुछ युवाओं के मार्गदर्शन व सहयोग से दिल्ली के पॅंचकुइयाँ रोड स्थित गढ़वाल भवन में रविवार 29 जुलाई को दिन भर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में सम्मलित अग्रणी राज्य आंदोलनकारी जगदीश भट्ट व विनोद नेगी ने दो टूक प्रश्न किया कि प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर इस प्रकार की गोष्ठी का प्रयास हालांकि नये युवाओं का सराहनीय प्रयाश के बाबजूद इस गोष्ठी में गैरसेंण राजधानी जैसे ज्वलंत मुद्दे के साथ साथ उपस्थित वरिष्ट राज्य आंदोलनकारियों व समाजसेवियों की उपेक्षा करना समझ से परे की बात रही। यह आंदोलनकारियों का अपमान ही है वहीं यह आयोजकों की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। गोष्ठी के घोषित विषय. कृषि-भूमि की खरीद-फरोक्त पर रोक लगाना 2. पर्वती...
- Get link
- X
- Other Apps
- टीम अण्णा अहं का टकराव करने बजाय भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए लोकपाल बनाये सरकार -ठोस लोकपाल शीघ्र पारित करनेे के लिए संसद का आपातसत्र बुलाये -टीम अण्णा के सबसे प्रमुख सदस्य अरविन्द गौड़ मंच पर दो दिन से क्यों नहीं? जनता अण्णा से कर रही है सवाल देश में सत्तारूढ़ सप्रंग सरकार की मुखिया सोनिया गांधी सहित तमाम राजनैतिक दलों को देश के प्रति अपने दायित्व को बोध करते हुए भ्रष्टाचार से तबाह हो रहे भारत को बचाने के लिए टीम अण्णा से संकीर्ण अहं का टकराव करने के बजाय अविलम्ब ठोस लोकपाल कानून बनाने का काम करे। अभी तक सरकार सहित भारत के तमाम राजनैतिक दल इस कार्य को देश का कार्य न समझ कर इसे केवल अण्णा या टीम अण्णा का कार्य समझ कर इसको ठण्डे बस्ते में डालने की धृष्ठता करने में लगे हुए है। टीम अण्णा के तमाम वरिष्ठ सदस्य अण्णा हजारे, केजरीवाल, मनीष सिसौदिया व गोपाल राय इन दिनों अनशन में बैठे हुए है। हजारों देशवासी इस मांग के समर्थन में सडकों में उतर रहे हैं परन्तु क्या मजाल सरकार ही नहीं विपक्ष के कानों में जूं तक रेंगे। सरकार सहित तमाम पार्टियों को चाहिए कि तत्काल अपने झू...
- Get link
- X
- Other Apps
-दंगा नहीं यह भारत पर बंगलादेशी आंतकियों का हमला है:-भारतीय मुक्ति सेना -कारगिल हमले से खतरनाक है देश पर बंगलादेशी आतंकियों का यह हमला -असम दंगे हुक्मरानों व राजनैतिक दलों द्वारा किया गया अक्षम्य राष्ट्रद्रोह है नई दिल्ली(प्याउ) । भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देवसिंह रावत ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह न तो जातीय दंगा है नहीं धार्मिक दंगा है, अपितु यह देश के हुक्मरानों की सह पर बंगलादेशी घुसपेटिये आतंकियों का भारत में काबिज हो कर भारत पर किया गया सीधा हमला है। भारतीय मुक्ति सेना प्रमुख श्री रावत ने स्पष्ट किया कि यह मात्र कलंक या दंगे नहीं अपितु यह दंगों ने देश के हुक्मरानों व राजनैतिक दलों द्वारा देश में बंगलादेशी आतंकियों की घुसपेट को नजरांदाज करके उनको राष्ट्र की एकता व अखण्डता पर इस तरह से हमला करके देश के भू भाग पर कब्जा करने के पाक आतंकियों द्वारा कारगिल हमले से भी खतरनाक हमला है। श्री रावत ने कहा कि दंगा या संघर्ष मान कर प्रधानमंत्री न केवल अपनी जिम्मेदारी से बचने की नापाक कोशिश कर रहे है। देश के हुक्मरानों के साथ देश की राजनैतिक पार्टियां ने आज तक इस समस्या...
- Get link
- X
- Other Apps
-रोहित व उज्जवला के ही नहीं देश के भी गुनाहगार हैं तिवारी -भगवान के घर अंधेर नहीं है तिवारी जी, -न्यायमूति रीवा खेत्रपाल के ऐतिहासिक फेसले से मजबूत हुआ आम जनता का न्यायपालिका पर विश्वास आज अपने अवैध सम्बंधों से उत्पन्न पुत्र के बारे में न्यायालय का दो टूक फेसला आने पर तिवारी जी इस प्रकरण के आज भी अपने कुकर्मो पर माफी मांगने के बजाय लोगों को ही उनके व्यक्तिगत जीवन में दखल न देने की नसीहत देने की धृष्ठता करने वाला बयान दे कर अपनी कलुषित मानसिकता व अपनी ऊंची पंहुच की हनक का परियच दे रहे है। डीएनए की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से पहले तक इस मामले को सिरे से नकारने व न्यायालय को भी उसकी सीमाओं के अतिक्रमण का आईना दिखाने की निरंतर हरकत करते हुए इस सच्चाई पर पर्दा डालने की अंतिम समय तक कोशिशें करते रहे। श्री तिवारी जैसे नेताओं को बेनकाब करने वाली उज्जवला व उनके अधिवक्ता बेटे रोहित ने जिस अदम्य साहस का परिचय दे कर पूरे देश के सामने तिवारी के विकास पुरूष का असली चेहरा दिखाने का सराहनीय कार्य किया, इसके लिए उनको कोटी कोटी धन्यवाद। क्योंकि हमारे पुरूष प्रधान समाज में पुरूष के ऐसे गुनाहों...
- Get link
- X
- Other Apps
जन शैलाव न उमडने की खाज मीडिया पर उतारने के बजाय आत्मनिरीक्षण करे टीम अण्णा देश की मीडिया व इलेक्ट्रोनिक चैनलों द्वारा जंतर मंतर में 25 जुलाई से चलाये जा रहे टीम अण्णा के आंदोलन में जनता की कम भागेदारी की खबरों को दिखाये जाने के बाद कई लोग मीडिया पर अपनी खाज उतारने में लग गये है। आंदोलन स्थल की हकीकत को नजरांदोज व पूर्व में जंतर मंतर में हुए अण्णा के इस प्रकार के आंदोलनों में उमड़ी भीड़ की तुलना ईमानदारी से करके आत्म निरीक्षण करके उसे सुधारने के बजाय मीडिया को े बिकाउ या नीच कहने वालों को पहले उन तमाम आंदोलनकारियों से पूछना चाहिए कि जितना प्रचार अण्णा के आंदोलन को मीडिया ने दिया क्या उसका एक हजारवां अश भी किसी अन्य महत्वपूर्ण आंदोलन को नहीं मिला। जंतर मंतर पर 6 साल उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए निरंतर 1994 से 2000 तक आंदोलनरत रहने के कारण मुझे ज्ञात है हमें ही नहीं यहां पर अधिकांश देश के कोने कोने से आंदोलनकरने वालों को मीडिया एक झलक दिखाने के लिए भी बहुत ही मुश्किल से तैयार होती है। हकीकत तो यह है कि अण्णा के आंदोलन को प्रारम्भ से कई महिनों तक सातों आसमान पर चढ़ा ...
- Get link
- X
- Other Apps
-जंतर मंतर पर कम भीड़ या टीम अण्णा को ढाल बना कर भ्रष्टाचार पर आंखे न मूदे सरकार -भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ठोस लोकपाल शीघ्र पारित करनेे के लिए संसद का आपातसत्र बुलाये -टीम अण्णा के सबसे प्रमुख सदस्य अरविन्द गौड़ मंच पर दो दिन से क्यों नहीं? जनता अण्णा से कर रही है सवाल मैं आज व कल जंतर मंतर पर चल रहे टीम अण्णा के अनशन को समर्थन देने के लिए अपने साथियों के साथ जंतर मंतर पर दोपहर से सांय आठ बजे तक था। मुझे वहां पर न केवल इससे पहले अण्णा द्वारा जंतर मंतर व रामलीला मैदान में चलाये गये तीनों आंदोलनों में सहभागी रहने के कारण इस बार लोगों के उत्साह में कमी साफ दिखी। कल के मुकाबले आज भीड़ कम थी। परन्तु टीम अण्णा के सबसे जमीनी सदस्य अरविन्द गौड, जो अपनी नाट्य मंडली के सैंकडों सदस्यों के सहयोग से पूरे देश में इस आंदोलन को सफल बनाने में अग्रणी रहे, उनका इस बार के आंदोलन में मंच से दूर रह कर जनता के बीच ही बेठे रहना, इस बात का साफ इशारा करता है कि टीम अण्णा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मै कल भी उनसे मिला और आज भी जब उनसे इस मामले में मैने दो टूक सवाल किया तो वे बोले म...
- Get link
- X
- Other Apps
-जनप्रतिनिधी ही नहीं सामाजिक संगठन भी जिम्मेदार हैं महापुरूषों के अनादर के लिए -अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस 25 जुलाई को सांय गढ़वाल भवन पंचकुया रोड़ दिल्ली में देश की आजादी व टिहरी में राजशाही से मुक्ति के लिए अपना बलिदान देने वाले महान क्रांतिवीर श्रीदेव सुमन का बलिदान दिवस मनाया गया। उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है कि यहां जो महान क्रांतिकारी हुए उनको यहां के नेताओं ने समाज कहीं जागृत न हो कर उनको लोकशाही को रौंदने से खदेड़ न दें इसी भय से व अपनी संकीर्ण अज्ञानता के कारण यहां के महापुरूषों के विराट व्यक्तित्व को गुमनामी में रखने का षडयंत्र रचते हैं वहीं दूसरी तरफ हमारे समाज की अधिकांश सामाजिक संस्थाओं में ऐसे लोग काबिज रहते हैं जिनका न तो मानसिक स्तर ऐसा होता है व नहीं इनके जीवन की राह ही इन महापुरूषों की महता को समझने में सक्षम होता है। इसके कारण ये अधिकांश संस्थायें प्रायः अपने महापुरूषों को न तो याद करते हैं अगर कोई एकाद ने उस महापुरूष को याद भी कर लिया तो वे समाज में जनहित के कार्यो में लगे वर्तमान क्रांतिकारियों को सम्मान देने के बजाय महापुरूषों के आदर्शो को रौंद...
- Get link
- X
- Other Apps
पाक आतंकियों से बेहद खतरनाक हैं बंगलादेशी घुसपेटियों (आतंकियो ) को देश से खदेड़े सरकार असम को शीघ्र सेना के हवाले करके बंगलादेशी घुसपेटिये आतंकियों से देशवासियों की रक्षा करे सरकार कोकराझार में बंगलादेशी घुसपेटियों ने जिस बेरहमी व दुसाहसपूर्ण ढ़ग से भारत में भारतवासियों पर संगठित हमला बोल कर कत्लेआम का तंांडव मचाया, उन देश उस पर वोट बैंक के मोह में प्रदेश व केन्द्र की कांग्रेस सरकार नुपुंसकों की तरह मूक रहने के कारण असाम के 21 जिलों में दंगा फेल गया है, इस कारण वहां पर 50 हजार से अधिक लोग अपनी जान बचाने के लिए लोग राहत केम्पों में किसी तरह अपनी जान बचा कर जी रहे है। सबसे हैरानी की बात यह है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में गत कुछ दशकों से बंग्लादेशी घुसपेटिये आतंकियों ने बड़ी संख्या में घुसपेट करके षडयंत्र के तहत आसाम के दो दर्जन के करीब जनपदों को बंगालादेशी घुसपेटिये आतंकी बाहुल्य जिलों में तब्दील करके आसाम पर एक प्रकार का कब्जा कर लिया है और प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार दोनों ने राष्ट्र विरोधी चुप्पी बना कर अक्षम्य अपराध किया। हालांकि वर्तमान दंगों में सरकार की ...
- Get link
- X
- Other Apps
-भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने के साथ लोकशाही का सम्मान करना भी सिखायें अण्णा अपने कार्यकत्र्ताओं को -कार्यकत्र्ताओं ने शहीद जवान को न्याय दिलाने के लिए शहीद की माता जी द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन का तम्बू समेटने के लिए किया मजबूर 25 जुलाई 2012 से देश की संसद की चैखट, राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली पर देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आर पार का संघर्ष का ऐलान करते हुए अण्णा व उनकी टीम अपने हजारों कार्यकत्र्ताओं के साथ आंदोलन का श्रीगणेश करेंगे। पूरा देश भ्रष्टाचार के मुहिम में अण्णा के साथ है। सभी चाहते हैं कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। परन्तु उनके कार्यकत्र्ताओं द्वारा जंतर मंतर पर जिस प्रकार से देश के अन्य भू भागो ंसे आ कर अपनी मांगों को ले कर आंदोलनकर रहे आंदोलनकारियों से जिस प्रकार से तानाशाही पूर्ण व्यवहार एक दिन पहले ही कर रहे थे, उस पर अनैक समाजसेवियों, पत्रकारों व राजनेताओं ने प्रश्न किया कि भ्रष्टाचार के आंदोलन को चलाने से पहले अण्णा को अपनी टीम व कार्यकत्र्ताओं को लोकशाही का पाठ सिखाना चाहिए। नागपुर से आये शहीद फोजी सुरज सुधाकर मेश्राम की माता श...
- Get link
- X
- Other Apps
आजादी की महान वीरांगना केप्टन लक्ष्मी सहगल के षर्मनाक अपमान के लिए जिम्मेदार हैं सभी राजनैतिक दल राश्ट्रपति के पद पर नेता जी की इस केप्टन को आसीन नहीं कर पाया कृतज्ञ राश्ट्र एक तरफ देष के राजनेता प्रणव मुखर्जी को राश्ट्रपति पद के चुनाव में विजयी होने के लिए बधाई दे रहे थे वहीं दूसरी तरफ उसी समय आजादी के महान वीरांगना व आजाद हिन्द फोज की केप्टेन लक्ष्मी सहगल कानपुर के चिकित्सा लय में दम तोड़ रही थी। देष की आजादी की इस महान वीरांगना केप्टन लक्ष्मी सहगल के निधन के बाद उनको श्रद्धांजलि देने के नाम पर आज देष के तमाम राजनेता भले ही घडियाली आंसू बहा रहे हैं परन्तु जब भारतीय आजादी की इस महानायिका ने अपने लिए देष के सर्वोच्च पद पर निर्वाचित इच्छा जाहिर की तो इस देष के तमाम राजनैतिक दलों ने अपनी बौनी सोच व अदूरदर्षिता दिखाते हुए उनको न केवल चुनावी समर में पराजित कराया अपितु उसके बाद भी दूसरी या तीसरे बार उनको इस पद पर आसीन करने की तरफ सोचने का अपना प्रथम नैतिक कत्र्तव्य का पालन तक नहीं किया। जिन महान क्रांतिकारियों ने देष को आजाद करने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान किया, उनके आदर्षो व स...
- Get link
- X
- Other Apps
उत्तराखण्ड जैसे गरीब प्रदेष के मुख्यमंत्री बहुगुणा ने दिया पंचतारा अषोका होटल में पत्रकारों को भव्य भोज रविवार 22 जुलाई को दोपहर एक बजे जैसे ही मैं अपने पत्रकार मित्रों के साथ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पत्रकारों के सम्मान में दिये गये दोपहर के भोज में सम्मलित होने के लिए प्रधानमंत्री आवास के समीप बने देष के सबसे चर्चित पंचतारा ‘अषोका होटल’ में पंहुचा तो मेरे कानों में एक राश्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में कार्यरत मेरे वरिश्ठ पत्रकार साथी ने बिना भूमिका बंधाते हुए अपने महाराश्ट्र मूल के साथी पत्रकार का परिचय कराते हुए बताया कि महाराश्ट्र जैसे देष के सबसे समद्ध प्रदेष के मुख्यमंत्री भी पत्रकारों को ऐसे भव्य पंचतारा होटल में पत्रकारों को भोज नहीं देते हैं तो अपने उत्तराखण्ड जैसे संसाधनों की कमी से विकास की पहली सीढ़ी चढ़ रहे नौनिहाल प्रदेष के मुख्यमंत्री या नेताओं को यह कहां षोभा देता है कि वह ऐसे पंचतारा होटलों में ऐसे आयोजन करे। मेरे आंदोलनकारी पत्रकार मित्र केे षब्दों ने मुझे सोचने के लिए मजबूर कर दिया । वेसे जब से दो दिन पहले यह आमंत्रण मुझे इस मिला था तो मैं बहुत...
- Get link
- X
- Other Apps
13वें राश्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को षपथ लेंगे प्रणव मुखर्जी चुनाव हार करके भी पूर्वोत्तर के पहले राश्ट्रीय नेता बने संगमा राश्ट्रपति चुनाव के अधिकारी वी के अग्निहोत्री ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व वाले सप्रंग गठबंधन के प्रत्याषी प्र णव मुखर्जी देष के 13 वें राश्ट्रपति होंगे उनको 7,13,763 वोट मिले और उनके विरोधी व भाजपा नेतृत्व वाली राजग गठबंधन के प्रत्याषी पीए संगमा को 3,13,987 वोट मिले। यानी कुल मतदान को प्रणव को जहां 69 प्रतिषत मत हासिल हुए और संगमा को 31 प्रतिषत मत। हालांकि प्रणव मुखर्जी को सप्रंग गठबंधन के अलावा राजग गठबंधन के मजबूत सहयोगी जदयू व षिव सेना के मत भी हासिल हुए। इसके अलावा सपा व बसपा ने भी उनका अपना खुला समर्थन दिया। प्रणव मुखर्जी देष के 13वें राश्ट्रपति होंगे। भले ही वे किसी भी अंध विष्वास पर विष्वास नहीं करते हैं परन्तु 13 का अंक उनके जीवन में बहुत ही लाभकारी रहा। उनका निवास भी 13 तालकटोरा रोड़ है। वे 25 जुलाई को राश्ट्रपति पद की षपथ ग्रहण करेंगे। वे राश्ट्रपति के पद से सेवानिवृत हो रही श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का स्थान ग्रहण करेंगे। वहीं संगमा भले ...
- Get link
- X
- Other Apps
-उत्तराखण्ड के हुक्मरानों को बेनकाब करता है मुख्यमंत्री बहुगुणा व गणेष गोदियाल प्रकरण -12 साल में लोकषाही का पहला पाठ भी नहीं सीख पाये उत्तराखण्ड के हुक्मरान बेषाखियों के सहारे चल रही कांग्रेस नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत् री विजय बहुगुणा से जहां कांग्रेसी विधायक नरेन्द्र गोदियाल की आहत होने की खबरे आज कल कांग्रेसी नेताओं की ही नहीं अपितु प्रदेष के राजनीति के मर्मज्ञों के बीच चर्चा का विशय बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ कफकोट के कांग्रेसी विधायक ललित फर्सवाण भी इन दिनों नाखुष हैं। सुत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री विजय और विधायक गणेष गोदियाल के बीच इस तनातनी का मूल कारण पौड़ी जनपद के जिलाििधकारी द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से आहत गणेष गोदियाल जब मुख्यमंत्री के दरवार में अपनी फरियाद सुनाने गये तो उनको अपने मुख्यमंत्री द्वारा जो जवाब मिला उससे गणेष गोदियाल काफी आहत हैं। अखबारों में छन कर आ रही खबरों के अनुसार प्रदेष के क्षत्रप इस विवाद को सुलझाने में लगे हुए है। गणेष गोदियाल कितने आहत हैं इसका अहसास उनके अखबारों में प्रकाषित इन बयानों से ही लगाया जा सकता है कि ‘पद के ...
- Get link
- X
- Other Apps
भारतीय संस्कृति के मूल तत्व को नजरांदाज करके नहीं बचेगी गंगा, उत्तराखण्ड व विष्व बांध के लिए नहीं अपितु जनकल्याण के लिए बनाया गया है उत्तराखण्ड षनिवार 21 जुलाई को दिल्ली के गांधी प्रतिश्ठान में ‘ जल विद्युत परियोजनायें व उत्तराखण्ड का भ विश्य’ नामक विशय पर एक विचार संगोश्ठी का आयोजन , आधा दर्जन के करीब संस्थाओं ने मिल कर किया। इस विचार गोश्ठी में प्रमुखता से जहां एक विचार सामने आया कि किसी भी हालत में उत्तराखण्ड में बांध नहीं बनने चाहिए। इसके लिए मजबूती से संघर्श को और तेज करने की आवष्यकता पर बल दिया। वहीं बांध का विरोध करने वाले वक्ताओं व आयोजकों को इस बात का भान रखना चाहिए कि यह केवल उत्तराखण्ड के भू भाग या प्राकृतिक संसाधनों का सवाल नहीं अपितु विष्व संस्कृति की पावन गंगोत्री उत्तराखण्ड के सनातन मूल्यों का सवाल है भी है। इसको नजरांदाज करके केवल संसाधनों, जल, जंगल आदि की दुहाई दे कर बांध का विरोध करना भी अधूरा सत्य सा होगा। उत्तराखण्ड भारतीय संस्कृति की उन परम सनातन मूल्यों की हृदय स्थली भी है, जो दया, धर्म, त्याग व न्याय आदि महत्वपूर्ण सनातन मूल्यों की संवाहिका भी है। इस लिए ...
- Get link
- X
- Other Apps
सत्तालोलुपु हुक्मरानों के कारण हर साल काल की भैंट चढ़ती है लाखों सुनीता व कल्पना -दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना हुई अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता व कातिल डाक्टर के कारण भारत में दम तोड़ गयी इन्दू राणा जिस समय रविवार को भारतीय मूल की अम ेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता बिलियम्स वाइकोनूर अतरिक्ष केन्द्र से अपने अंतरिक्ष यान द्वारा अंतरिक्ष में उडान भर रही थी, उस समय उत्तराखण्ड के अग्रणी लोक गायक हीरासिंह राणा की 17 वर्षीय बालिका इन्दु राणा, देश की राजधानी दिल्ली में विनोद नगर स्थित एक प्राइवेट नर्सिग होम के डाक्टर के हाथों शल्य चिकित्सा करने के नाम पर किये गये कत्ल के कारण, एक पखवाडे के लगभग जीवन संग्राम के बाद लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में दम तोड़ गयी। उसका शव मानो देश की दम तोड़ चूकी व्यवस्था को धिक्कार रहा था। अगर देश में चिकित्सा सहित अन्य व्यवस्था सुदृढ़ होती तो यह प्रतिभाशाली बालिका इस प्रकार दम नहीं तोड़ती। यह मात्र एक इन्दु राणा की बात नही अपितु इस देश के दिशाहीन हुक्मरानों के कारण आज भारत में लाखों सुनीता व कल्पना सी प्रतिभाशाली बालिकायें या तो कन्...