कृष्णमय हो जीवन

मंगलमय हो दुर्लभ जीवन
हर जीवन में हो खुशहाली
सावन सा बरसे जीवन में,
श्रीहरि कृपा की रिमझिम
राग द्वेष से मुक्त रहे मन
पल पल गुजरे जनहित मे
हर कण कण में प्रभु दिखे
हर पल सुमिरों कृष्ण हरि
चाह नही  ताज तख्त की
चाह केवल श्री चरणों की
स्वर्ग-मौक्ष की चाह नहीं है
यश-वैभव की प्यास नहीं है
ऐसा जीवन हर पल जीऊॅं
तन-मन रमा रहे कृष्ण में
 देवसिंह रावत
 (शुक्रबार 13 जुलाई 2012 प्रात 8 बज कर 07 मिनट)
 

Comments

Popular posts from this blog

खच्चर चलाने के लिए मजबूर हैं राज्य आंदोलनकारी रणजीत पंवार

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा