-बाईकर हुडदंगियों की आड़ में आतंकी या दंगाई भी कर सकते है हमला

-बाइकर हुडदंगियों को क्यों नजरांदाज कर रही है सुरक्षा ऐजेन्सियां


जिस प्रकार से 5 जुलाई की रात को सेकडों की संख्या में मोटर साईकिल सवारों ने इंडिया गेट सहित दिल्ली में कानून की धज्जियां उडाते हुए हर समय मुस्तैद रहने का दंभ भरने करने वाली दिल्ली पुलिस की दिल्ली की सुरक्षा चैकस की हवा निकालने का दुशाहस किया, उससे एक बात साफ हो   गयी कि अगर कभी इसी प्रकार के जत्थे में आ कर देशद्रोही ताकतें या आतंकी या दंगाई आ कर दिल्ली पर अचानक कोई बड़ी बारदात कर दे तो दिल्ली पुलिस के भरोसे रहने वाले दिल्ली की आम अमन पसंद जनता बेमोत ही मारी जायेगी। सबसे हैरानी की बात यह है कि दिल्ली में बाइक हुडदंगियों का यह पहला हुदडंग नहीं है, जो पुलिस को इसका अहसास तक नहीं था। कई बार इस प्रकार के संगठित मोटर साईकिल सवारों ने संसद व राष्ट्रपति भवन के समीप इस इंडियागेट व कनाट प्लेस जैसे सबसे उच्च संवेदनशील क्षेत्र में हुदडंग मचा कर कानून की जहां धज्जियां उडाई वहां आम लोगों में आतंक फेला दिया।
5 जुलाई की इंडिया गेट से लेकर नोयडा के पेट्रोलपम्प आदि स्थानों में जो हुडदंग की खबरें इलेक्ट्रांेनिक चैनलों आदि मीडिया में छन कर आयी उसे देख कर आम जनता के रौंगटे खडे हो गये।  इसमें न केवल सेकडों मोटर साईकिल सवार ही थे अपितु कार व थ्रीविलर आदि में भी बड़ी संख्या में हुडदंगी अपनी तरह से इस हुडदंग में सामिल थे। इलेक्ट्रोनिक खबरिया चैनलों ने इस हुडदंगियों की जो खबरें प्रकाशित की उसको देख लोग इस बात से आशंकित थे कि अगर कभी आतंकी, समाजद्रोही या देशद्रोही या दंगाई इन बाइक सवार हुडदंगियों की तरह बहुत ही रहस्यमय ढ़ग से संगठित हो कर यकायक दिल्ली या किसी शहर में कोई बडी बारदात करदे? दिल्ली पुलिस सहित देश की तमाम सुरक्षा ऐजेन्सियों को सेकडों की संख्या में बाईकरों का दिल्ली के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में आने की भनक तक नहीं लगी या इनके आने के बाद इन सबको रोक कर इनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम तत्काल नहीं उठा पायी तो यह देश की सुरक्षा के साथ गहरा खिलवाड है। जो भी बच्चे या युवा इस हुडदंग में भले ही निर्दोष  ढंग या अति उत्साह में आ कर सम्मलित हुए हों, अगर उनके इस दुशाहस का तत्काल जवाब न दिया जाता तो इनकी दुशाहस बढ़ता जायेगा। देश की सुरक्षा ऐजेन्सियों व दिल्ली पुलिस को ऐसा तंत्र इतने बाईकरों की हुडदंग होने के बाबजूद अभी तक मजबूत नहीं कर पाये कि दिल्ली की सीमा में या कहीं भी इस प्रकार के सामुहिक रूप से सडकों पर उतरने वाले जत्थों की खबर तत्काल कंट्रोल रूम में पंहुचा कर तत्काल इन जत्थों पर अंकुश लगाने के लिए आपात दस्ते भेजे जाये या इन बाइकरों के बाहनों का दस गुना मंहगा चालान वसूल करना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियां करने का दुशाहस तक कोई न कर सके या भविष्य में इस प्रकार की कोई भी आतंकी या असामाजिक गतिविधियों या दंगाईयों पर अंकुश लगाने के लिए कारगार तंत्र तत्काल स्थापित करके इस प्रकार के किसी भी संभावित हमले से बचा जा सके।

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