विश्व में फिर बजे डंका भारत महान का

अपने नाम भारत को भी जो आजाद न करा पाया
वो कैसे दंभ भरता है विश्व महाशक्ति बनने का
जो संसद को भी आक्रांताओं से बचा न पाया
वो दंभ भरता है केसे परमाणु शक्ति होने का
अपनी भाषा व संस्कृति का जो खुद घोंटे गला
वो क्यों विश्व में आजादी का पीटे खुद डंका
अपनी धरती को ही बंधन से मुक्त न करा पाये
वो  विश्व को कैसे गुलामी से मुक्त करायेगा
चंगेज, मानसिंह जब बन जायें भाग्य विधाता
उस देश का रक्षा क्यों करेगा विश्व विधाता।।
गो-गंगा की दो टके के लिए होती है हत्या
उस देश की रक्षा क्यों करेगा विश्व विधाता।।
यदि विश्व में फिर बजे भारत महान का डंका
तो इंडिया मिटा कर देश को बनाना होगा भारत ।।

-देवसिंह रावत
(11 मई 2012 रात के 9.53 बजे)

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