मनमोहन को हटा कर देश व कांग्रेसी की रक्षा करें सोनिया 

जनता से ही नहीं कांग्रेसियों से भी कटा हुआ है पार्टी नेतृत्व व सरकार 

एक तरफ केन्द्र में सत्तासीन कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख सोनिया गांधी ने सप्रंग सरकार-2 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर अपने संबोधन में सांसदों को दो टूक शब्दों में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस अपनी सरकार की उपलब्धियों के सहारे जनता का दल जीत कर फिर से सत्तासीन होंगी। वहीं दूसरी तरफ उनकी सप्रंग मनमोहन सिंह की सरकार पेट्रोल की कीमत 7.50 रूपये प्रति लीटर बढ़ा कर पहले से मंहगाई व कुशासन से त्रस्त देशवासियों की बची खुची आशाओं पर बज्रपात करने में बेशर्मी से सोनिया गांधी के बचनों को झूठलाने का काम करने में आठ सालों की तरह जुटी रही। देशवासियों को समझ में नहीं आ रहा है कि सोनिया गांधी को जब अपनी सरकार की जनविरोधी कृत्य ही नहीं दिखाई दे रहे हैं तो उनको देशवासियों का दर्द कहां से दिखाई देगा। मनमोहन सरकार की देश वासियों की नजर में कितनी अहमियत रह गयी यह एक सर्वे से पता चल ही गया कि आज अगर लोकसभा चुनाव होंगे तो कांग्रेस 100 से कम सीटों पर सिमट कर रह जायेगी। कांग्रेस ने अपनी जड़ों में मट्ठा जनविरोधी व लोकशाही को ठेगा दिखाने वाले मनमोहन सिंह, मोंटेकसिंह, कपिल आदि हवाई नेताओ ंको देश के महत्वपूर्ण संवेधानिक पदों पर आसीन कर रखा है। यही नहीं संगठन में भी अहमद पटेल, जर्नाजन द्विवेदी व बीरेन्द्र सिंह जेसे जनता से लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर आसीन कर रखा है। जिनका न तो कभी जनसेवा का इतिहास ही रहा व नहीं जिनके कार्यो से अब तक देश हित में काम करने की छाप ही दिखाई दे रही है। विगत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सबसे बडा मजबूत गढ़ आंध्र प्रदेश को कांग्रेस आला कमान ने अपने हवाई सिपाहे सलारों की आत्मघाती राय केे कारण खो ही दिया है। जगन की गिरफतारी के बाद कांग्रेस आंध्र में किस स्थिति पर पंहुचेगी इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जगन की गिरफतारी के बाद पूरे प्रदेश में बसों को डिप्पों में बदं कर दिया गया व हजारों की संख्या में लोग सडकों में उतर आये।
आज कांग्रेस की मनमोहन सरकार ही नहीं अपितु संगठन भी आम जनता से तो कटी ही कटी वह अपने कार्यकत्र्ताओं से भी पूरी तरह से कट गयी है। जननेताओं के बजाय विजय बहुगुणा जैसे नेताओं को मुख्यमंत्री के पद पर आसीन करने का आत्मघाती कार्य से साफ उजागर हो गया कि कांग्रेस आला नेतृत्व का जनता व संगठन दोनों पर पकड़ खत्म हो गयीं। न तो सोनिया गांधी का व नहीं सोनिया गांधी के सलाहकारों तथा मनमोहन सिंह आदि का जनता से कोई संवाद ही रहा व नहीं संगठन के आम कार्यकत्र्ताओं से। कांग्रेस में नेहरू, इंदिरा व राजीव के कार्यकाल में जीवंत संवाद बनाने की परंपरा का ह्रास होने के कारण कांग्रेस नेतृत्व आज अपने आत्मघाति सलाहकारों के शिकंजे में जकडा हुआ है। उसको न तो देश प्रदेश के हितों का भान है व नहीं कांग्रेस के हितों का ही भान। अब कांग्रेस आला नेतृत्व के पास एक स्वर्णीम अवसर है कि वह राष्ट्रपति के चुनाव में मनमोहन सिंह को उतार कर देश व कांग्रेस संगठन के हितों की रक्षा करे। नहीं तो आने वाला समय पश्चाताप करने का भी समय नहीं देगा।

बाबा रामदेव 3 जून को दिल्ली में संसद की चैखट पर सरकार को बेनकाब करने के लिए हजारों समर्थकों के साथ धमकने वाले है।
वही दूसरी तरफ अन्ना हजारे और उनकी टीम ने प्रधानमंत्री समेत सरकार के 15 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर वह 25 जुलाई से आंदोलन चलाएंगे।पीएम को लिखे पत्र में अन्ना और उनकी टीम ने कहा कि उन्हें सरकार की जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है इसलिए जांच सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटार्यड जजों के विशेष दल से कराई जाए। उन्होंने छह जजों के नाम भी सुझाए हैं। जिन मंत्रियों पर आरोप लगाए गए हैं उनमें गृह मंत्री पी चिदंबरम, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, कृषि मंत्री शरद पवार, विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे, प्रफुल पटेल, विलासराव देशमुख, वीरभद्र सिंह, जीके वासन, फारूक अब्दुल्ला, एम अलागिरि, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और कमलनाथ भी शामिल हैं। कोयला खदान के आवंटन को लेकर प्रधानमंत्री पर लगाया आरोप, मायावती, मुलायम के मामले भी एसआईटी को देने की मांग जांच के लिए एसआईटी नहीं बनाने पर 25 जुलाई से आंदोलन की धमकी एसआईटी के लिए सु प्रीम कोर्ट के छह पूर्व जजों के नाम सुझाए। इसके साथ टीम अण्णा का भी कहना है कि मायावती, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, जयललिता के मामले भी सीबीआई से लेकर जजों के विशेष जांच दल को सौंपे जाएं। अन्ना हजारे और उनके साथियों ने कहा कि उनकी टीम के सदस्यों पर जो आरोप लग रहे हैं उनका मामला भी विशेष जांच दल को दे देना चाहिए और अगर दोषी ठहराए जाएं तो उन्हें दोगुनी सजा देने की चुनौती दे कर मनमोहन सरकार को पूरी तरह से जनता की नजरों में बेनकाब सा कर दिया है।
भले ही सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली सप्रंग सरकार की दूसरी पारी का जश्न प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व उनके सांसद मना रहे हों परन्तु देश में इस मनमोहनी कुशासन से हाहाकार मचा हुआ है। भले ही सप्रंग सरकार की मुखिया का मोह भंग इस कुशासन के प्रतीक मनमोहन सिंह से न हो परन्तु 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देश की सत्ता से देश की जनता इसको उतार फेंकने के लिए कमर कसे हुए है। इसकी एक झलक टुडेज चाणक्य ने यूपीए सरकार को आज के दिन चुनाव होने पर केवल 100 सीटें मिलने की भविष्यवाणी से भी किया। यही भविष्यवाणी प्यारा उत्तराखण्ड समाचार पत्र में कई महिने पहले से मैं कर रहा हॅू कि 2014 में होने वाले चुनाव में कांग्रेस ही नहीं भाजपा भी देश की सत्ता में नहीं होगी व नहीं मुलायमसिंह देश की बागडोर संभालेगा। मनमोहन सिंह सरकार की हालत किस कदर देश की आम जनता की नजरों में पतली है इसका सहज अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री द्वारा तीन साल पूरे होने के जश्न में दी गये भोज में समर्थक दलों के मठाधीशों ने आना ही अपनी शान के खिलाफ समझा। एक प्रकार से यूपीए के सहयोगी घटक दलों की नजर में अब कांग्रेस व यूपीए गठबंधन डुबता हुआ जहाज ही प्रतीत हो रहा है। इसी कारण वे समय समय पर इससे अपने आप को दूर दिखाने की कोशिश कर रहे है। देश की जनता मनमोहन सिंह के कुशासन से किस कदर परेशान है इसका नमुना यूपीए सरकार की 22 मई को दूसरी पारी के तीसरे साल पूरे होने पर मनाये जाने वाले जश्न पर आम आदमी के दिल से निकलने वाली इस पुकार से समझी जा सकती है। अमेरिका व सोनिया गांधी के आंखों के तारे भारत को मंहगाई, भ्रष्टाचार व आतंकवाद से बर्बाद करने वाले कुशासन देने के लिए जाने जाने वाले यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए सभी देशवासी एक ही दुआ करते हैं कि हे सर्व शक्तिमान परमात्मा ऐसे कुशासक से भारत को अविलम्ब मुक्ति कराये। मनमोहन सरकार ने अटल की तरह देश की आशाओं पर ही नहीं देश के भविष्य पर अमेरिकी व कुशासन का ग्रहण लगाया।
सोनिया गांधी के पास अब आखिरी मौका है देश व कांग्रेस को बर्बाद होने से बचाने के लिए। उनको देश व पार्टी के हित में अविलम्ब मनमोहन सिंह को हटा कर राहुल गांधी को देश की बागडोर सोंप देनी चाहिए थी। इसके लिए वे मनमोहन सिंह को सम्मानजनक विदाई के तौर पर देश का राष्ट्रपति भी बना सकती है। शेष श्रीकृष्ण कृपा। हरि ओम तत्सत्। श्री कृष्णाय्

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