सेना ही नहीं आम आदमी भी दुखी है देश के कुशासकों द्वारा की जा रही देश की बर्बादी से


सेना ही नहीं आम आदमी भी दुखी है देश के कुशासकों द्वारा की जा रही देश की बर्बादी से 
‘सेना का दिल्ली कूच ’की खबर ने देश के हुक्मरानों की ही नहीं पूरे देश में कंपकपी फेला दी है। भले ही सरकार व सेना इंडियन एक्सप्रेस की इन खबरों को कोरी बकवास बता कर निंदा कर सिरे से खारिज कर दे ं कि 16 जनवरी 2012 की रात को  सेना की दो टूकडियां हरियाणा के हिसार व उप्र के आगरा से दिल्ली की तरफ पूरे लाव लक्सर के साथ कूच करी थी, दिल्ली के नजदीक पंहुचने पर इनको वापस भेज दिया गया। वहीं अखबार का कहना है कि यह रक्षा मंत्रालय की जानकारी के बिना सबकुछ हुआ और उसी दिन न्यायालय में जनरल वी के सिंह की जन्म विवाद का भी मामले की सुनवाई थी।  सेना इसे अपना सामान्य अभ्यास बता कर इस खबर पर ही प्रश्न चिन्ह लगा रही है। जो भी हो वहीं द संडे गार्जियन नामक अखबार का दावा है कि इस खबर के पीछे केन्द्र सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री का ही हाथ है। इस खबरे से पूरे देश में एक प्रकार की सनसनी फेल गयी। परन्तु यह बात सच है जिस प्रकार से विगत डेढ़ दशक से देश की सरकारें जनहितों को निर्ममता से रौंद रही है उससे सेना ही नहीं आम देशभक्त आदमी काफी आहत है। यह आज भले ही सच हो कि सेना का इस प्रकार का कदम नहीं उठाया, परन्तु अगर हालात इसी प्रकार से बद से बदतर रहे और देश के हुक्मरान देश को दोनों हाथों से लुटने व लुटाने से बाज नहीं आये तो इस प्रकार की घटनायें भविष्य में कभी नहीं होगी इसका दावा कोई नहीं कर सकता है। क्योंकि कुशासकों द्वारा देश को जिस प्रकार से पतन के गर्त में धकेला जा रहा है उससे प्रत्येक राष्ट्रभक्त चाहे वह सेना में हो या आम नागरिक बहुत ही उद्देलित है। देश की हो रही बर्बादी को मूक रह कर कब तक देश की जनता देखेगी।

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