आओ  इस चमन को गुलजार करें

मिल कर बिछुड जाते हैं जो चंद दिनों में,
ऐसे दोस्तों को भी हम सदा याद करते हैं
तुम याद करो न करो इस राही को कभी,
हम तो खुदा की तरह तुम्हें भूल नहीं पाते।।
जिन्दगी नजर चुराने के लिए नहीं है साथी,
आओ  हंसी से इस चमन को गुलजार करें।
फिर ये पल इस जीवन में कभी रहे न रहे
आओ हर पल को जिंदादिली से जीयें साथी
फिर ये जीवन के हसीन पल रहे या न रहे।
हर किसी के खुशी में मुस्कराये हम साथी।।

-देवसिंह रावत

Comments

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा