राज ठाकरे से मिल कर अण्णा ने किया जन भावनाओं का अपमान 


क्षेत्र के नाम पर महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों का दमन करने वाले राज ठाकरे से मिल कर अण्णा हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले लाखों लोगों की भावनाओ से खिलवाड किया। देश की जनता चाहती है कि अण्णा हजारे अच्छा होता ऐसे लोगों से मिले ही नहीं, उनसे दूरी बनाये, परन्तु अगर भूल वश या परिस्थिति वश मिल भी गये तो उनको उनके कुकृत्यों के बारे में फटकार या नसीहत ही देनी चाहिए थी। ऐसा करने में अण्णा हजारे पूरी तरह असफल रहे । देश की जनता उनके इस कृत्य से निराश है। देश प्रेम की बात करने वाले अण्णा व उनकी टीम सहित तमाम लोगों को इस बात का भान होना चाहिए कि देश की एकता अखण्डता व सामाजिक तानाबाना को अपने संकीर्ण राजनीति के लिए तहस नहस करने वाले लोगों से मिल कर नहीं अपितु उनको अलग थलग करके ही देश का भला होगा। अण्णा हजारे को बाल ठाकरे द्वारा मिली नसीहत से प्रेरणा ले कर देश से माफी मांगनी चाहिए कि वे भविष्य में ऐसी कोई भूल नहीं करेंगे जिसके लिए देश का भाईचारा नष्ट करने वाले लोगों को मजबूती मिले व देश कमजोर हो।

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