अंग्रेजी भाषा, अंग्रेजी ही तंत्र नहीं है भारत आज भी स्वतंत्र


अंग्रेजी भाषा, अंग्रेजी ही तंत्र
नहीं है भारत आज भी स्वतंत्र
भारत नहीं इंडिया हुआ आजाद
देश आज भी है क्यों परतंत्र
जनतंत्र में गुलामी के प्रतीक भाषा, नाम और संस्कृति को स्वतत्र देश में बलात थोपना लोकशाही का गलाघोटने के समान है। देश में  फिरंगी की भाषा थोपे रखना देश के स्वाभिमान, आजादी व संस्कृति से द्रोह है। इसके लिए आजादी के बाद से अब तक की सभी सरकारें जिसमें कांग्रेस, भाजपा व अन्य दल सम्मलित है, सभी इस देशद्रोह के लिए जिम्मेदार है। -देवसिंह रावत

Comments

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा

नव प्रभात शुभ प्रभात हो