-अगर सांई बाबा आज के दिन होते तो क्या लोग निर्मल बाबा की तरह ही उन पर अंधविश्वास फेलाने आदि आरोप लगा कर अंगुलियां उठाते ?




-क्या देश के नागरिक निर्मल बाबा के भक्तों की तरह सत्तासीन राजनैतिक दलों पर वादे खिलाफी या ठगी का मामला दर्ज करने का काम कर सकते हैं क्योंकि अधिकांश राजनैतिक दल अपने घोषणा पत्र में किये गये वायदों को पूरा ही नहीं करते?


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