सो जाओं अब मध्य रात हो गयी,


सो जाओं अब मध्य रात हो गयी, 

सो जाओं अब मध्य रात हो गयी,
पशु पक्षी सब जीव  सो रहे
आंखों में मेरी तु आये निंदिया
कृष्ण की सी श्याम वर्ण हो गयी
 सो जाओं अब मध्य रात हो गयी।
फिर होगी सुबह नव जीवन की
हर बाग में महकेंगे फूल कलियां
मेरे उपवन में भी खिलेंगे
तुम्हारी यादों के मधुर कलियां
 देवसिंह रावत
(17 अप्रैल  2012  रात के 11.49 बजे)

Comments

Popular posts from this blog

खच्चर चलाने के लिए मजबूर हैं राज्य आंदोलनकारी रणजीत पंवार

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा