निर्मल बाबा से अधिक गुनाहगार है निर्मल बाबा प्रचार करने वाले चैनल
निर्मल बाबा से अधिक गुनाहगार है निर्मल बाबा प्रचार करने वाले चैनल
निर्मल बाबा का विज्ञापन प्रसारित करने वाले चैनलों पर लगे 100 गुना जुर्माना
निर्मल बाबा को समाधान के नाम पर आम श्रद्धालुओं को ठगने का आरोप लगा कर अपने को पाक साफ बताने वाले देश के अधिकांश चैनल , निर्मल बाबा से अधिक गुनाहगार है। निर्मल बाबा तो भले ही ठग हो परन्तु इन खबरिया, धार्मिक व मनोरंजन चैनलों ने निर्मल बाबा से मिलने वाले धन के लालच में अपने चैनलों में इस बाबा का विज्ञापन प्रमुखता से प्रचारित करके लोगों को इस बाबा के झांसे में फंसाने में उसके प्यादे की तरह काम किया है। इन चैनलों की नैतिकता व सामाजिक दायित्व होता है कि ऐसा कोई खबर या विज्ञापन न प्रसारित न करें जिसके बारे में उनको खुद जनहित या विश्वास न हो। सच तो यह है निर्मल बाबा से अधिक गुनाहगार ये 35 चैनल हैं जिन्होंने बाबा के द्वारा डाले गये विज्ञापन के टुकडों के लालच में फंस कर देश के लाखों लोगों को इस बाबा के जाल में फंसाने का काम किया। लोगों को निर्मल बाबा से नहीं इन चैनलों की विश्वसनीयता पर विश्वास था। इन्हीं चैनलों के माध्यम से बाबा ने लोगों को अपने षडयंत्र का शिकार बनाया।
इन खबरिया चैनलों, मनोरंजन व धार्मिक चैनलों ने अपने समाज व देश के प्रति अपने नैतिक दायित्व का बाबा के चांदी के टूकडों के लालच में गला ही घोंट दिया है। अगर कल कोई देश का दुश्मन इन चैनलों को अपने षडयंत्र का मोहरा बना कर देश की व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने के लिए या देश में अस्थिरता फेलाने के लिए इसी प्रकार का विज्ञापन या पेड़ न्यूज से देश में अराजक बातावरण व असंतोष फेलाने का काम करे तो इन चैनलों को क्या हम इसी प्रकार से माफ कर देंगे। निर्मल बाबा से अधिक गुनाहगार हैं मीडिया, जिसकी विश्वसनीयता के फांस में फंस कर आम जनता निर्मल बाबा के चक्कर में फंसी। आज ये अधिकांश चैनल व मीडिया बाबा निर्मल को ठग या खलनायक बता रहे हैं परन्तु ये चैनल बाले जनता के दिलों दिमाग में निर्मल बाबा के पैंसों के लालच में उसका विज्ञापन प्रमुखता से दिखाने की होड़ कर रहे थे। तब इनकी नैतिकता कहां गयी थी। ये मीडिया देश की जनता से अपने अक्षम्य गुनाह के लिए माफी मांगे। भारत सरकार को चाहिए कि इन सभी चैनलों जिन्होंने निर्मल बाबा का विज्ञापन अपने चैनलों में दिखाया उन पर 100 गुना अधिक जुर्माना लगा कर वसूला जाय। इसके साथ इन सब चैनलों के लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाय। निर्मल बाबा का माल खा कर मीडिया चली हज को ।
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